मेंगलूरु में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने रायचूर में एक आदेश जारी किया था, जिसमें सरकारी चिकित्सकों को कन्नड़ में पर्चे (doctor’s prescription in Kannada) लिखने को कहा गया था। जल्द ही इसे पूरे राज्य में लागू करने के लिए एक और आदेश जारी किया जाएगा।
डॉ. पुरुषोत्तम ने कहा कि वर्तमान में कई मरीज अंग्रेजी पर्चे को समझने में सक्षम नहीं हैं। फार्मासिस्ट से भी नाम को समझने में गलती हो जाए तब समस्या होगी। मरीजों को गलत दवा मिलने की संभावनाएं बनी रहेंगी। अगर नाम कन्नड़ में हों, तो कम-से-कम मरीज को पता होगा कि वे कौन सी दवा ले रहे हैं।