Iron Deficiency During Pregnancy : गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान आयरन की कमी होना एक आम समस्या है। असल में, यह खून की कमी यानी एनीमिया (Anemia) का सबसे बड़ा कारण है। भारत में होने वाली माताओं की मौतों में से 20 से 40 फीसदी का कारण एनीमिया (Anemia) होता है।
•Mar 09, 2024 / 12:10 pm•
Manoj Kumar
Iron Deficiency During Pregnancy : गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान आयरन की कमी होना एक आम समस्या है। असल में, यह एनीमिया (Anemia) का सबसे बड़ा कारण है। भारत में होने वाली माताओं की मौतों में एनीमिया 20 से 40% तक जिम्मेदार होता है। एनीमिया (Anemia) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर में पर्याप्त मात्रा में लाल रक्त कोशिकाएं या (Hemoglobin) हीमोग्लोबिन (ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन) नहीं होता है।
गर्भावस्था (Pregnancy) में शिशु के विकास और माँ के शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ने के कारण आयरन की ज़रूरत भी बढ़ जाती है। ज़्यादा आयरन की ज़रूरत को पूरा करने के लिए बहुत सी महिलाएं पर्यादा मात्रा में आयरनयुक्त आहार (Iron rich diet) नहीं ले पातीं।
इसके अलावा मॉर्निंग सिकनेस और सीलिएक जैसी बीमारियां भी आयरन की कमी का खतरा बढ़ा देती हैं। कई बार बार-बार गर्भवती (Pregnant) होने से भी शरीर में आयरन की ज़रूरत बढ़ जाती है।
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संतुलित आहार जिसमें कई तरह के पोषक तत्व हों, आयरन की कमी को दूर करने में मदद करता है। जानवरों से मिलने वाला आयरन, पौधों से मिलने वाले आयरन से ज्यादा आसानी से शरीर में होता है।
अपने आहार में मांस, मुर्गी, मछली, बीन्स, दाल, टोफू, फोर्टिफाइड अनाज और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें।
कुछ चीजें आयरन के शरीर में होने को रोक सकती हैं। आयरन युक्त भोजन (Iron rich diet) के साथ कैल्शियम युक्त भोजन (Calcium rich food) या सप्लीमेंट्स लेने से बचें। दूसरी तरफ, विटामिन सी आयरन के अवशोषण को बढ़ा सकता है। उदाहरण के तौर पर, आयरन युक्त भोजन के साथ संतरे का जूस पीना फायदेमंद हो सकता है।
खून की जांच करवाकर नियमित रूप से अपने आयरन के स्तर की जांच करवाना ज़रूरी है। इससे इलाज का सही तरीका पता चल सकेगा।
गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन की गोलियां लेने की सलाह दी जाती है, खासकर अगर उनका आयरन का स्तर कम है। ये गोलियां आमतौर पर ferrous sulfate, ferrous fumarate या ferrous gluconate की हो सकती हैं।
हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का स्तर 12 से 16 ग्राम प्रति डेसीलीटर होना चाहिए। अगर यह 11 से कम है, तो आप एनीमिक हो सकती हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2019-21 के अनुसार, भारत में लगभग 52.2% गर्भवती महिलाएं आयरन की कमी के कारण एनीमिक होती हैं। इस स्थिति का इलाज 120mg आयरन और 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड (Folic acid) के साथ किया जा सकता है।
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गर्भवती (Pregnant) महिलाओं को नियमित रूप से आयरन और फोलिक एसिड की गोलियां लेनी चाहिए। साथ ही डॉक्टर की सलाह पर कृमि नाशक दवा का सेवन भी करना चाहिए।
आयरन से भरपूर आहार के साथ गुड़, काले चने और प्रोटीनयुक्त भोजन का सेवन भी फायदेमंद होता है। विटामिन सी की गोलियां लेने की सलाह भी दी जा सकती है।
अगर आपको एनीमिया या आयरन की कमी है, तो डॉक्टर कभी भी खुद दवा लेने की सलाह नहीं देंगे। गर्भावस्था (Pregnancy) के इस नाज़ुक समय में खासकर, जब आप दूसरी दवाइयां भी ले रही होंगी, तो अपने आप आयरन की गोलियां लेना ठीक नहीं है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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