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यदि थोड़ी से देर इंटरनेट से दुरी आपको तनाव का अहसास करवाती है या ऑनलाइन न रह पाने की सूरत में अपना ब्लड प्रेशर बढ़ता हुआ लगता है तो यकीन जानिए कि आपको एक खास दिमाग़ी बीमारी घेर रही है जिसे दुनिया भर में डिसकोमगूगोलेशन के नाम से जाना जाता है। आजकल टीनएजर्स में मानसिक तनाव इतना बढ़ गया है कि बच्चे और युवा आत्महत्या कर लेने की हद तक पहुंच जाते है। इसमें इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल ही उन्हें आत्मघात करने के लिए उकसाने वाले बुरे साथी की भूमिका भी निभा रहा है। इसलिए चौकस रहें और इंटरनेट को अपने लिए जानलेवा लत तो कतई न बनने दें।
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Discoggologation: This is the internet craze डिसकोमगूगोलेशन : ये है इंटरनेट के प्रति दीवानगी आजकल के दौर में इंटरनेट सभी लोगों की जरूरत बन चूका है। इसके बिना कई लोगों को ऐसा लगता है कि जिंदगी जैसी अधूरी हो गई है। किसी कारणवश ऑनलाइन न हो पाना कई लोगों को हताश कर देता है। अगर आपको भी ऑनलाइन न हो पाने के कारण हताशा होती है, तो यह परेशानी की बात हो सकती है। एक अध्ययन के मुताबिक ऑनलाइन न होने के कारण स्ट्रेस अनुभव करने वाले लोग डिसकोमगूगोलेशन की समस्या से पीड़ित हो सकते हैं।
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सीपीआर देकर बचाई जा सकती है जान , लेकिन सीपीआर देने में बरतेें सावधानी, जानिएbeware of internet addiction इंटरनेट की लत से सावधान विशेषज्ञों के अनुसार इंटरनेट एडिक्शन को अन्य परंपरागत लतों के समान चार तथ्यों पर परखा जा सकता है। जैसे अधिक इस्तेमाल, दूसरी प्रमुख भावनाओं को नजरअंदाज करना, अधैर्यता और नकारात्मक प्रतिघात के रूप में देखने को मिल रहा है। विभिन्न शोधों के अनुसार अधिक समय तक इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को अक्सर यह पता नहीं चलता कि वह कितना लंबा समय इंटरनेट पर बिता चुके हैं। साथ ही वह कई आधारभूत मानवीय इच्छाओं को नजरअंदाज करने लगते हैं। यहां तक कि वह कई बार खाना और लंबे समय तक यूरीनेट की प्रक्रिया को भी रोके रखते हैं। जब-जब इंटरनेट कनेक्टिविटी लो होती है, तब उनमें गुस्सा, निराशा और तनाव जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
गौर करें – इंटरनेट पर पूरी तरह से निर्भरता न बनाएं। जिससे उसका इस्तेमाल न कर पाने के कारण आप हताशा के शिकार नहीं होगें।
– किसी नियमित समय पर रोज इंटरनेट न करें।
– ऑनलाइन होने के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें ताकि अनावश्यक दबाव से बचा जा सके।
what is discocoagulation क्या है डिसकोमगूगोलेशन मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक डिसकोमगूगोलेशन एक तरह का एहसास है, जब कोई व्यक्ति जो सूचनाओं के संसार यानी इंटरनेट को एक्सेस नहीं कर पाता है। यह दिमाग की गतिविधि होती है। यह एक नए तरह का सिंड्रोम है जो किसी समस्या का तुरंत उत्तर न ढूंढ पाने और इंटरनेट पास न होने के कारण किसी समस्या का समाधान न हो पाने के कारण होता है। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि यह मीटिंग में देर से पहुंचने, किसी महत्वपूर्ण एग्जाम को देने के समय होने वाले तनाव के बराबर होता है। इस सर्वे को वैज्ञानिकों ने 2000 लोगों के ऊपर किया।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।