डायबिटीज एक दीर्घकालिक बीमारी है, जब अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का उपयोग नहीं कर पाता है। इसके कारण डायबिटीज हो जाती है। आहार, व्यायाम और दवाओं से इसका इलाज संभंव है और इसका रोकथाम थी। शरीर में लगातार डायबिटीज रहने की स्थिति में गुर्दे की विफलता, दिल का दौरे और स्ट्रोक जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं।
एक अनुमान के मुताबिक 422 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। पिछले दशक में यह आंकड़ा दोगुना हो गया है, जिसके परिणामस्वरूप अधिक वजन या मोटापा जैसे जोखिम कारक हैं। लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ डायबिटीज से राहत मिल सकती है।
आम तौर पर टाइप 2 मधुमेह के लक्षण हल्के होते हैं और पता नहीं चल पाता। इन लक्षणों में प्यास लगना, बार—बार यूरिन आना, धुंधली दृष्टि, वजन कम होना और थकान महसूस होना शामिल है। वहीं टाइप 1 मधुमेह में इंसुलिन की कमी होती है। इसमें नियमित इंसुलिन देना होता है।
डायबिटीज से बचे रहने के लिए स्वस्थ्य शरीर के वजन को बनाए रखना, नियमित रूप से 30 मिनट तक व्यायाम करना, स्वस्थ आहार लेना, शर्करा और तंबाकू से परहेज करना आदि शामिल है। नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाना भी आवश्यक है। फिर यदि आपको डायबिटीज है तो किडनी और हार्ट की नियमित जांच करवाएं।