गंगा कोविड-फ्री घोषित, रिसर्च में नहीं दिखी कोरोना वायरस की मौजूदगी
तेज बारिश में सफर करने वाले और घूमने जा रहे व्यक्तियों को इससे बचना चाहिए। प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का नियंत्रण नहीं होता। बारिश होने के साथ ही बिजली की गर्जना भी सुनाई देने लगती है। बिजली गिरने के बाद ही उसकी गर्जना सुनाई देती है। ऐसे में जहां भी आपको लगे कि बिजली नजदीक ही गिर रही है तो सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं। जब बारिश रुक जाएं तब ही आगे बढ़ें। यदि किसी व्यक्ति पर बिजली गिर जाती है तो उसे प्राथमिक चिकित्सा दें और जितनी जल्दी हो सके हॉस्पिटल पहुंचाएं। आइए जानते हैं बिजली गिरने के बाद घायल को प्राथमिक चिकित्सा कैसे दें।
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First aid for lightning victim
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बिजली गिरने के बाद घायल को तुरंत प्राथमिक चिकित्सा दें।
जिस व्यक्ति पर आकाशीय बिजली गिरी है, उसे बिना डरे छू सकते हैं। बिजली गिरने के बाद व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक आने से होती है। इसलिए सबसे पीड़ित की धड़कन और सांसें चेक करें। अगर सांस नहीं चल रही है, तो अपने मुंह से उसके मुंह में सांस (CPR) दें। वहीं, धड़कन रुकने की स्थिति में छाती जोर-जोर से दबाएं। सीपीआर को भी जारी रखें। बिजली गिरने पर व्यक्ति की हड्डियां भी टूट सकती हैं या फिर उसे दिखना या सुनना भी बंद हो सकता है।
एक ही जगह पर कई बार बिजली गिर सकती है, इसलिए वज्रपात के खतरे वाली जगह से मरीज को तुरंत हटा लें। जितनी जल्दी हो सके, मरीज को नजदीकी हॉस्पिटल ले जाएं।