इस उपचार को 6 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के उपयोग करने अथवा जिस किसी को भी आसानी से गरारे करना आता है, उनके लिए सुरक्षित माना गया है। चूंकि यह एक प्राकृतिक, किफायती और सुविधापूर्ण उपचार भी है, इसलिए इसे कुछ बीमारियों के लिए एक मानक घरेलू उपचार माना जाता है। गले की खराश में तो यह एक प्रभावी उपाय है। आइए जानते हैं कि किस तरह नमक के पानी के गरारे करने से गले की खराश में आराम मिलता है तथा इसे करने के तरीके के बारे में…
हालांकि यह एक पुराना घरेलू उपचार है, फिर भी चिकित्सकों द्वारा गले के दर्द के लिए खारे पानी से गरारे करने की सलाह दी जाती है। खराश होने पर लोगों को गले में दर्द तथा सूजन जैसी परेशानियां महसूस होने लगती है। जिसके कारण खाने-पीने में दिक्कत होने लगती है। गले की खराश के पीछे के कारणों में वायरल तथा बैक्टीरियल इंफेक्शन, सर्दी-जुकाम आदि शामिल हो सकते हैं।
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कई बार इस समस्या से परेशान होने पर तथा इससे निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह की दवाइयों का सेवन भी करते हैं। परंतु दवाइयां लेने के अलावा घर पर नमक के पानी के गरारे करके भी गले की खराश को कम किया जा सकता है। इससे आपको जल्द आराम भी मिल जाता है।
कैसे तैयार करें-
एक बर्तन में एक कप पानी लेकर उसे हल्का गुनगुना करें और पानी में चुटकी भर नमक मिलाएं। गरारे करने के लिए गर्म पानी ठंडे की तुलना में खराश में अधिक आराम पहुंचाता है। इसके अलावा गर्म पानी नमक को पानी में आसानी से घुलने में भी मदद करता है। यदि आप महीन आयोडीन या टेबल सॉल्ट के स्थान पर मोटे समुद्री नमक का उपयोग कर रहे हैं, तो नमक का घोल आदर्श हो सकता है। वैसे आप नमक के पानी से गरारे करने के लिए किसी भी तरह के नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं।
गरारे कैसे करें-
अपने गले के पिछले हिस्से में नमक के पानी को लेकर जब तक आप संभाल सकें तब तक पानी से गरारे करें। उसके बाद पानी को मुंह में चारों ओर घुमाएं। और फिर कुल्ला करने के बाद इसे सिंक में थूक दें। हालांकि से निकला भी जा सकता है परंतु यदि आप दिन में कई बार मुंह धोते और कुल्ला करते हैं, तो बहुत अधिक नमक का पानी निगलने से यह आपको डिहाइड्रेट कर सकता है। क्योंकि बहुत अधिक नमक का पानी पीने से कैल्शियम की कमी और उच्च रक्तचाप जैसे स्वास्थ्य जोखिम भी हो सकते हैं। इसलिए प्रतिदिन कम से कम दो बार गरारे करने की सलाह दी जाती है।