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पाचन में सहायकसूखे हुए बादाम के मुकाबले भिगे हुए बादाम एंजाइम रिलीज करने में मदद करते हैं, जो कि पाचन प्रकिया के लिए अच्छे होते हैं। बादाम सबसे हेल्दी मिड-मील स्नैक्स होते हैं। बादाम के अंदर मोनोसैचुरेटेड फैट्स मौजूद होते हैं जो कि भूख पर रोक लगाते हैं और भर हुआ रखते हैं। इसके साथ आप वजन बढ़ने पर भी रोक लगा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल
यह बात सच है कि भीगे हुए बादाम खाने से दिल हेल्दी रहता है और खराब कोलेस्ट्रॉल में राहत मिलती है और बढ़िया कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
वजन कम करें
भीगे हुए बादाम खाने से इसें मौजूद विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है। बादाम में मौजूद यह तत्व उम्र और सूजन को रोकता है जो कि फ्री रेडिकल से होता है।
यह बात सच है कि भीगे हुए बादाम खाने से दिल हेल्दी रहता है और खराब कोलेस्ट्रॉल में राहत मिलती है और बढ़िया कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है।
वजन कम करें
भीगे हुए बादाम खाने से इसें मौजूद विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट के तौर पर काम करता है। बादाम में मौजूद यह तत्व उम्र और सूजन को रोकता है जो कि फ्री रेडिकल से होता है।
पोस्टिक है स्वास्थ के लिए
सूखे हुए बादाम की तुलना में भीगे हुए बादाम ज्यादा नरम और पचने में आसान हो जाता हैं। इसके बाद यह बेहतरी से पोषक तत्वों के अवशोषण में मददगार साबित होते हैं।
सूखे हुए बादाम की तुलना में भीगे हुए बादाम ज्यादा नरम और पचने में आसान हो जाता हैं। इसके बाद यह बेहतरी से पोषक तत्वों के अवशोषण में मददगार साबित होते हैं।
कई अन्य फ़ायदे
इसके अलावा, बादाम के सेवन से कुल कोलेस्ट्रॉल और बैड एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण समूह की तुलना में काफी कम कर दिया, जबकि ‘गुड’ एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखा गया। मुंबई में सर विथाल्डस ठाकरसे कॉलेज ऑफ होम साइंस में प्रोफेसर और प्रिंसिपल जगमीत मदन ने कहा “किशोरावस्था और युवा वयस्कों पर लक्षित बेहतर पोषण और व्यायाम सहित जीवनशैली में बदलाव में प्री-डायबिटीज से टाइप-2 डायबिटीज की प्रगति को रोकने की क्षमता है। इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि दो बार बादाम खाने से फर्क पड़ सकता है।
इसके अलावा, बादाम के सेवन से कुल कोलेस्ट्रॉल और बैड एलडीएल-कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रण समूह की तुलना में काफी कम कर दिया, जबकि ‘गुड’ एचडीएल-कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बनाए रखा गया। मुंबई में सर विथाल्डस ठाकरसे कॉलेज ऑफ होम साइंस में प्रोफेसर और प्रिंसिपल जगमीत मदन ने कहा “किशोरावस्था और युवा वयस्कों पर लक्षित बेहतर पोषण और व्यायाम सहित जीवनशैली में बदलाव में प्री-डायबिटीज से टाइप-2 डायबिटीज की प्रगति को रोकने की क्षमता है। इस अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि दो बार बादाम खाने से फर्क पड़ सकता है।