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स्वास्थ्य

टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक और थैलेसीमिया का खतरा कम करें

इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) एक ऐसी तकनीक है जिसका इस्तेमाल टेस्ट ट्यूब बेबी (Test tube babies) पैदा करने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आईवीएफ ( IVF) का इस्तेमाल थैलेसीमिया (Thalassemia) जैसी गंभीर बीमारी के खतरे को भी कम किया जा सकता है? आइए जानते हैं कैसे।

जयपुरMay 06, 2024 / 04:39 pm

Manoj Kumar

Preventing Thalassemia in Your Child

Beat thalassemia with IVF : जी हां, आईवीएफ (IVF) एक ऐसी तकनीक है जो कपल्स को थैलेसीमिया (Thalassemia) जैसी अनुवांशिक बीमारी से ग्रस्त होने से उनके बच्चों को बचाने में मदद कर सकती है।

थैलेसीमिया क्या है?

थैलेसीमिया (Thalassemia) एक आनुवांशिक रक्त विकार है जिसमें शरीर असामान्य हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) का निर्माण करता है। हीमोग्लोबिन (Hemoglobin) लाल रक्त कोशिकाओं का एक मुख्य हिस्सा होता है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। थैलेसीमिया (Thalassemia) से ग्रस्त बच्चों में खून की कमी हो जाती है जिससे उन्हें बार-बार खून चढ़ाने की ज़रूरत पड़ती है।
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आईवीएफ कैसे मदद करता है?

आईवीएफ के साथ प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक टेस्टिंग (पीजीटी) नामक एक जांच की जाती है। इस जांच के ज़रिए यह पता लगाया जाता है कि माता-पिता में से किसी को भी थैलेसीमिया का जीन तो नहीं है। अगर दोनों माता-पिता में से किसी एक में भी यह जीन है तो आगामी पीढ़ी को यह बीमारी होने का खतरा रहता है।
आईवीएफ में अंडाणु को निषेचित करके गर्भाशय के बाहर भ्रूण (embryo) को विकसित किया जाता है। इसके बाद पीजीटी टेस्ट की मदद से यह पता लगाया जाता है कि कौन से भ्रूण में थैलेसीमिया का जीन नहीं है। इसके बाद स्वस्थ भ्रूण को माता के गर्भाशय में स्थानांतरित कर दिया जाता है।
इसका फायदा यह है कि दंपत्ति को एक स्वस्थ बच्चे की प्राप्ति हो सकती है और साथ ही यह भी हो सकता है कि यह बच्चा अपने बीमार भाई या बहन का बोन मैरो (अस्थि मज्जा) दाता बन सके।

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