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एसटीएस एडल्ट कार्डिएक सर्जरी डेटाबेस के डेटा का उपयोग करते हुए, शोधकर्ताओं ने 46,831 वयस्क रोगियों की पहचान की, जिन्होंने 2012 से 2018 तक माइट्रल वाल्व को ठीक करवाया था या माइट्रल रोग के लिए ट्रांसप्लांट किया था। जिनमें से कई की पहली बार यह सर्जरी हुई थी। फिर उन्होंने 2018 एरिया डेप्रिवेशन इंडेक्स का उपयोग करते हुए सामाजिक आर्थिक स्थिति पर डेटा एकत्र किया गया। जिसमे उन्होंने ज्योग्राफिकल लेवल से जो किसी दिए गए क्षेत्र के लिए औसत आय, शिक्षा, रोजगार और आवास की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए उपयोग किया जाता है इन सब चीज़ों पर विचार किया। इस शोध से, उन्होंने पाया कि कम एसईएस रोगियों में न केवल अधिक कठिनाईया की थी दर (48% —40%) थी। बल्कि 30 दिनों की मृत्यु दर (2.9% — 1.3%) रही थी। स्टडी में यह भी बताया गया है कि उच्च SES के रोगी सर्जरी के कारण 33 — 17 मील के आगे की यात्रा करते हैं। यह रोगियों को प्रभावित करता है क्योंकि उनके नियमित रूप से आवश्यक चिकित्सा जांच में शामिल होने की संभावना कम होती है। साथ ही साथ तत्काल स्थितियों में उपचार तक पहुंच नही होती है। जिससे इन स्थितियों से जुड़े स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ जाते हैं। देखभाल तक पहुंच और उच्च मात्रा वाले माइट्रल वाल्व विशेषज्ञ की यात्रा करने की क्षमता स्पष्ट रूप से एक भेदभाव के रूप में प्रकट हुई है। जिसमें कहा गया था कि यह सामाजिक आर्थिक रूप से वंचित पड़ोस में रहने वालों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।
अतः हम क्या सकते हैं की हार्ट सर्जरी की समस्या आपके सोशल और इकोनामिक स्टेटस को प्रभावित करती है। यदि आप किसी फाइनेंसियल स्ट्रांग बैकग्राउंड से बिलॉन्ग करते हैं और एक मेट्रोपॉलिटन सिटी के निवासी हैं। तो आपकी हार्ट सर्जरी का खतरा कम होता है । और सर्जरी के बाद भी आपके साथ होने वाले क्रिटिकल सिचुएशन में आपको अच्छी फैसिलिटी मिल जाती है । परंतु यही यदि आप किसी गांव या फिर अंदरूनी इलाके से आते हैं तो आपको कई अन्य प्रकार के समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जिसके कारण पोस्ट हार्ट सर्जरी में होने वाले रिस्क दोगुनी तेजी से बढ़ जाते हैं।