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हाल ही में किए गए अध्ययन ब्रिटेन को मैनचेस्टर में ब्रिटिश कार्डियोवास्कुलर सोसाइटी (बीसीएस) के सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। यह अध्ययन साल 2013 से 2018 के बीच आयरलैंड में हुए 10,528 दिल के दौरों के मामलों में किया गया है। शोधकर्ताओं ने मरीजों की केस हिस्ट्री का विश्लेषण किया। साथ ही यह भी देखा कि सप्ताह के किस दिन हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।शोधकर्ताओं ने पाया कि एसटी एलिवेटेड मायोकार्डियल इन्फ्रक्शन (एसटीईएमआई), जो एक गंभीर तरह का हार्ट अटैक है। शोधकर्ताओं ने पाया कि सोमवार को एसटीईएमआई दिल के दौरे पड़ने की सर्वाधिक दर पाई गई थी। एसटीईएमआई में एक प्रमुख कोरोनरी धमनी (coronary artery ) पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाती है, जिससे कारण ऑक्सीजन और रक्त की आपूर्ति पूरी तरह से बंद हो जाती है।
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सोमवार को ही ऐसा क्यों होता हैबेलफास्ट हेल्थ एंड सोशल केयर ट्रस्ट में शोध का नेतृत्व करने वाले कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. जैक लाफन ने अध्ययनों के निष्कर्षों का हवाला देते हुए बताया कि सोमवार को ही ऐसा क्यों होता है, यह साफ नहीं है, लेकिन हम मानते हैं कि इसका कुछ संबंध सर्केडियन रिदम से है, जो परिसंचारी हार्मोन को प्रभावित करता है, जिससे दिल के दौरे (Heart Attack) और स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि शोध के दौरान ठंडे मौसम में और सुबह-सुबह दिल के दौरे में इस तरह के बदलाव देखे गए थे। उन्होंने बताया कि सोमवार को वापस ऑफिस जाने का स्ट्रेस भी होता है। तनाव बढ़ने से शरीर में कोर्टीसोल नाम का स्ट्रेस हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जो दिल के दौरे (heart attack and stroke) का जोखिम बढ़ाता है।
ब्रिटिश हार्ट फाउंडेशन के चिकित्सा निदेशक प्रोफेसर नीलेश समानी का कहना है कि यह अध्ययन विशेष रूप से गंभीर दिल के दौरे के समय को लेकर नए सबूत सामने लाया है, लेकिन अभी हमें सप्ताह के बाकी दिनों के बारे में भी जानना बहुत जरूरी है। ऐसा करने से डॉक्टरों को इस घातक स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है और भविष्य में लोगों की जान बचाने में सफलता मिल सकती है।