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Cytomegalovirus Infection: कोरोना संक्रमित मरीजों में साइटोमेगालोवायरस का खतरा, ऐसे पहचानें इसके लक्षण

Cytomegalovirus Infection: कोरोनावायरस की दूसरी लहर में लाखों जिंदगियां चली गई। अब दूसरी लहर के जाने के बाद तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि कोरोनावायरस अपना वेरियंट बदल रहा है। कोरोना संक्रमित हुए मरीजों में नए-नए संक्रमण देखने को मिल रहे हैं।

Jul 02, 2021 / 09:53 am

Deovrat Singh

Cytomegalovirus Infection: कोरोनावायरस की दूसरी लहर में लाखों जिंदगियां चली गई। अब दूसरी लहर के जाने के बाद तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि कोरोनावायरस अपना वेरियंट बदल रहा है। कोरोना संक्रमित हुए मरीजों में नए-नए संक्रमण देखने को मिल रहे हैं। ब्लैक फंगस के बाद अब कोरोना से रिकवर हुए मरीजों में साइटोमेगालोवायरस इन्फेक्शन के मामले सामने आने लगे हैं। पहली साइटोमेगालोवायरस से जुड़े रेक्टल ब्लीडिंग के पांच मामले दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में दर्ज किए गए। चिकित्स्कों के मुताबिक कोरोना संक्रमित कम इम्यूनिटी वाले रोगियों में यह मामले आये हैं, इन रोगियों को रेक्टल ब्लीडिंग यानी मल के रास्ते रक्तस्राव की समस्या हुई है।

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यह समस्या रोगियों में कोरोना संक्रमण के 20 से 30 दिन बाद देखी गयी थी। इसमें मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम होती है। साइटोमेगालोवायरस के लक्षण के साथ 5 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए थे उनमें से 2 को अत्यधिक ब्लीडिंग की समस्या थी। इन दोनों मरीजों की जान चली गई और बाकी 3 मरीजों का एंटीवायरल थेरेपी से इलाज किया गया।

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साइटोमेगालोवायरस के लक्षण
संक्रमित व्यक्ति के पेट में तेज दर्ज और और रेक्टल ब्लीडिंग होना सबसे बड़ा लक्षण है।
लंबे समय तक बुखार रहना
हेपेटाइटिस
एन्सेफलाइटिस या मस्तिष्क में सूजन
रात को पसीना बहुत आना
थकान और बेचैनी महसूस होना
गले में खराश होना और ग्रंथियों का फूलना
शरीर की मांसपेशियों और जोड़ों में असहनीय दर्द
सांस लेने में कठिनाई

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साइटोमेगालोवायरस संक्रमण का कारण
यह वायरस, चिकनपॉक्स, हर्पीज सिम्प्लेक्स और मोनोन्यूक्लिओसिस संक्रमण से संबंधित है। साइटोमेगालोवायरस सभी इंसानों के शरीर हमेशा निष्क्रिय रूप में बिना किसी नुकसान के मौजूद होता है। लेकिन किसी संक्रमण व बीमारी का शिकार होने पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कम हो जाती है तब साइटोमेगालोवायरस सक्रिय हो जाता है। यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में भी जल्द फैल सकता है। यह वायरस शरीर में मौजूद तरल पदार्थों से फैलता है – जिसमें रक्त, मूत्र, लार, स्तन का दूध, आंसू, वीर्य और योनि के तरल पदार्थ शामिल हैं।

 

 

1. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से
2. संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध बनाने पर।
3. अंग, अस्थि मज्जा या स्टेम सेल प्रत्यारोपण से।
4. संक्रमित मां के स्तनपान से
5. गर्भावस्था के दौरान बच्चे में संक्रमण का जोखिम।

Web Title: Health News: What Causes Cytomegalovirus Infection in hindi

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