जयश्री पेरीवाल स्कूल में लगातार आ रहे हैं कोरोना संक्रमण फैलने के मामले पिछले 24 घंटे के दौरान जयपुर के जाने-माने संभ्रांत स्कूल जयश्री पेरीवाल में भी एक और बच्चा पॉजिटिव पाया गया है। इसी स्कूल में कुछ दिन पहले भी एक साथ 12 बच्चे पॉजिटिव मिले थे। हालांकि इसमें किसी भी बच्चे में किसी गंभीर संक्रमण की शिकायत नहीं मिली है। बता दें, जयश्री पेरीवाल स्कूल भी जयपुर के बेहद संभ्रांत निजी स्कूलों में गिना जाता है।
बच्चों को न मिली वैक्सीन और न हुआ एक्सपोजर ऐसे में सवाल ये उठता है कि निजी स्कूलों में ही कोरोना संक्रमण की शिकायतें क्यों आ रही हैं। भारत में नेशनल टैक्निकल ए़़डवायजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन के चेयरमैन और जाने-माने महामारी विशेषज्ञ डॉ. ए के अरोड़ा ने पत्रिका को बताया कि दरअसल बच्चों को अभी वैक्सीन नहीं लगी है। साथ ही जो संभ्रांत घरों के बच्चे हैं वे कोरोना के दो साल के दौरान भी वायरस के नैचुरल संक्रमण से बचे रहे। माँ-बाप ने उनको घरों से नहीं निकलने दिया। इसलिए वे सुरक्षित रहे।
बच्चों में कोरोना संक्रमण के गंभीर मामले न के बराबर पर डॉ. अरोड़ा आश्वस्त करते हैं कि बच्चों में कोरोना संक्रमण फैलने के गंभीर मामले अब तक बहुत बिरले ही नजर आए हैं। बच्चों में सामान्यत: यही सर्दी, खांसी-बुखार और गले में दर्द से ज्यादा कुछ नहीं करता। इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। डॉ. अरोड़ा ने बताया कि जिस भारी संक्रामक XE ओमीक्रोन वैरिएंट की बात की जा रही है वो भी फिलहाल भारत में नहीं आया है और आ भी जाए तो कतई चिंता की बात नहीं है। हमारे पास वैक्सीन तो है ही, साथ ही अब कोरोना के साथ जीने का अनुभव भी है। अब कोरोना से मौतें बहुत ही दुर्लभ से दुर्लभ केसों में ही हो रही हैं।
इसलिए डॉक्टर अरोड़ा कोरोना के चलते स्कूलों को बंद करने की सलाह कतई नहीं देते, हाँ सामाजिक वैक्सीन यानी मास्क, दो गज दूरी और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने की सलाह अवश्य देते हैं।
इसलिए डॉक्टर अरोड़ा कोरोना के चलते स्कूलों को बंद करने की सलाह कतई नहीं देते, हाँ सामाजिक वैक्सीन यानी मास्क, दो गज दूरी और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करने की सलाह अवश्य देते हैं।