-हैंड सैनिटाइजर में ट्राइक्लोसान नाम एक केमिकल होता है, जिसे हाथ की स्किन सोख लेती है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से यह केमिकल आपकी त्वचा से हुते हुए आपके स्क्त में मिल जाता हैं। रक्त में मिलने के बाद यह आपकी मांसपेशियों के ऑर्डिनेशन को नुकसान पहुंचाता है।
-हैंड सैनिटाइजर में विषैले तत्व और बेंजाल्कोनियम क्लोराइड होता है, जो कीटाणुओं और बैक्टीरिया को हाथों से बाहार निकाल देता है, लेकिन यह हमारी त्वचा के लिए अच्छा नहीं होता है। इससे त्वचा में जलन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
-ऐसा देखा गया है कि लोग हर आधे घंटे में हैंड वाश या हैंड सैनिटाइज करते हैं। अगर आपने किसी अनचाही वस्तुओं को नहीं छुआ है तो आपको हैंड सैनिटाइजर यूज करने की जरूरत नहीं है। इसके बदले आप नॉर्मल पानी से हाथ धो सकते हैं।
-अगर आप गंदे हाथ को हैंड सैनिटाइजर से साफ करने की कोशिश करते हैं तो इससे कोई फायदा नहीं मिलता है। इसके लिए सबसे पहले अपने हाथों को साफ पानी से धोएं। फिर हैंड सोप से धोएं। जब आप गार्डन में खेलते हैं, गार्डेनिंग करते हैं या साफ-सफाई करते हैं तो हैंड सैनिटाइजर का यूज न करें।
-बदलते मौसम में सर्दी-खांसी और बुखार होने का खतरा अधिक रहता है। ये लक्षण कोरोना वायरस के लक्षणों से मिलता-जुलता है। ऐसे में जब भी आपको फ्लू हो तो घर से बाहर न निकलें और हैंड सैनिटाइजर के बदले टिसू का अधिक इस्तेमाल करें।
-सैनिटाइजर में खुशबू के लिए फैथलेट्स नामक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है, इसकी मात्रा जिन सैनिटाइजर में ज़्यादा होती है, वे हमारे लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के अत्यधिक खुशबू वाले सैनिटाइजर लीवर, किडनी, फेफड़े तथा प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं।
-इसके ज्यदा इस्तेमाल से त्वचा ड्राई हो जाती है। -कई रिसर्च के अनुसार इसका ज्यादा प्रयोग बच्चों की इम्यूनिटी को भी घटाता है।