अध्ययन में यह भी पाया गया कि कोविड-19 से पीड़ित लोगों में 2MBC की मात्रा ज्यादा होती है। इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि क्यों इन मरीजों में खून के थक्के (Blood clots) जमने का खतरा बढ़ जाता है।
अध्ययन के मुख्य शोधकर्ता सिफान चेन का कहना है कि “हमारे शोध से पता चलता है कि 2MBC एक ऐसा पदार्थ है जो पेट के बैक्टीरिया में बदलाव और खून के थक्के (Blood clots) जमने के खतरे के बीच की कड़ी को जोड़ता है।”
खून के थक्के (Blood clots) जमना दिल का दौरा और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। कोविड-19 और मधुमेह जैसी बीमारियों से खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन इसके पीछे की वजह अभी तक पूरी तरह से समझ में नहीं आई थी।
पहले के अध्ययनों में पाया गया था कि पेट के बैक्टीरिया (Stomach bacteria) से बनने वाले कुछ पदार्थ खून को जमने में मदद करने वाली कोशिकाओं को ज्यादा सक्रिय बना सकते हैं, जिससे खून के थक्के जमने का खतरा बढ़ जाता है।
चूंकि कोविड-19 (Covid-19 )और मधुमेह (Diabetes) जैसी बीमारियों में पेट के बैक्टीरिया में बदलाव होता है, इसलिए शोधकर्ताओं को शक था कि इसका खून के थक्के जमने के खतरे से कोई संबंध हो सकता है।
इस नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि 2MBC एक ऐसा महत्वपूर्ण पदार्थ है जो खून के थक्के जमने के खतरे को बढ़ाता है।
अध्ययन में 64 कोविड मरीजों, 12 स्वस्थ लोगों और 12 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्हें कोविड नहीं था, लेकिन उन्हें किसी और वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अध्ययन में पाया गया कि कोविड मरीजों और खून के थक्के जमने से पीड़ित लोगों में 2MBC की मात्रा ज्यादा थी।
अध्ययन में 64 कोविड मरीजों, 12 स्वस्थ लोगों और 12 ऐसे लोगों को शामिल किया गया जिन्हें कोविड नहीं था, लेकिन उन्हें किसी और वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अध्ययन में पाया गया कि कोविड मरीजों और खून के थक्के जमने से पीड़ित लोगों में 2MBC की मात्रा ज्यादा थी।
शोधकर्ताओं ने चूहों पर भी प्रयोग किया और पाया कि 2MBC खून को ज्यादा जल्दी जमा देता है। इसके अलावा, जब चूहों को एंटीबायोटिक दी गई, जिससे उनके पेट के बैक्टीरिया कम हो गए, तो उनके खून में 2MBC की मात्रा कम हो गई और खून के थक्के (Blood clots) जमने का खतरा भी कम हो गया।
अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि 2MBC एक ऐसा संकेत देने वाला पदार्थ है, जो कोविड-19 में खून के थक्के जमने के खतरे को बढ़ा सकता है। साथ ही, यह संकेत देता है कि मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों में भी खून के थक्के (Blood clots) जमने का खतरा बढ़ने के पीछे यही कारण हो सकता है।
हालांकि, इस अध्ययन के नतीजों की पुष्टि के लिए और शोध की जरूरत है। लेकिन यह अध्ययन खून के थक्के (Blood clots) जमने के खतरे को कम करने के लिए नए तरीकों की खोज में एक महत्वपूर्ण कदम है।