8 घंटे की नींद को 4 घंटे में पूरा करना नॉन स्लीप डीप रेस्ट यानी NSDRसे ही संभव है, जो कम समय में पूरी तरह से रिलैक्सिंग नींद देता है। क्या है नॉन स्लीप डीप रेस्ट तकनीक (What is Non Sleep Deep Rest?)
नींद की ये प्रक्रिया यानी नॉन स्लीप डीप रेस्ट मेडिटेशन ही है। इसमें लेटे-लेटे ही ध्यान लगाया जाता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस तकनीक से आप जागते हुए भी सोने लाभ पाते हैं। दिमाग इस समय उस तरह रिलेक्स कर रहा होता है, जैसे की सोते समय होता है। मात्र 20 से 30 मिनट के इस प्रेक्टिस में मेडिटेशन के उस स्तर पर पहुंचा जा सकता है, जब शरीर और दिमाग दोनों को ही आराम मिलता है और वह तेजी से अंदर से रिपेयरिंग प्रॉसेस शुरू कर देते हैं। ये तकनीक तनाव से मुक्त करके गहरी नींद दिलाती है। इसकी लगातार प्रैक्टिस करने से आप 8 घंटे की नींद को 4 घंटे में ही पूरा कर सकते हैं।
बता दें कि पतंजलि योगसूत्र में भी इस नींद के पैर्टन पर चर्चा की गई है। यही नहीं, महाभारत काल में अर्जुन तक अपनी नींद के लिए इसी ध्यान का सहारा लेते थे। स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिक डॉ. एंड्रयू ह्यूबरमैन ने इस तकनीक के बारे में विस्तार से बताया था।
कैसे किया जाता है नॉन स्लीप डीप रेस्ट? (How To Do NSDR?)
दिमाग में कई तरह की न्यूरोन तरंगे निकलती हैं और इनमें से निकलने वाली अल्फा तरंग ही दिमाग को खुशरहने का संकेत देती हैं। योग और मेडिटेशन के जरिये इन्हीं अल्फा तरंगों को एक्टिव करने का प्रयास किया जताा है। इन तरंगों के एक्टिव होने से हर तरह का स्ट्रेस खत्म होता है और दिमाग रिलेक्सिंग मोड में आ जाजता है।
बता दें कि पतंजलि योगसूत्र में भी इस नींद के पैर्टन पर चर्चा की गई है। यही नहीं, महाभारत काल में अर्जुन तक अपनी नींद के लिए इसी ध्यान का सहारा लेते थे। स्टैनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन के वैज्ञानिक डॉ. एंड्रयू ह्यूबरमैन ने इस तकनीक के बारे में विस्तार से बताया था।
कैसे किया जाता है नॉन स्लीप डीप रेस्ट? (How To Do NSDR?)
दिमाग में कई तरह की न्यूरोन तरंगे निकलती हैं और इनमें से निकलने वाली अल्फा तरंग ही दिमाग को खुशरहने का संकेत देती हैं। योग और मेडिटेशन के जरिये इन्हीं अल्फा तरंगों को एक्टिव करने का प्रयास किया जताा है। इन तरंगों के एक्टिव होने से हर तरह का स्ट्रेस खत्म होता है और दिमाग रिलेक्सिंग मोड में आ जाजता है।
कैसे करें NSDR की प्रेक्टिस (How to practice NSDR) डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए दिए गए हैं और इसे आजमाने से पहले किसी पेशेवर चिकित्सक सलाह जरूर लें। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने, एक्सरसाइज करने या डाइट में बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।