इस शोध में शामिल नॉर्थईस्टर्न यूनिवर्सिटी के डॉ. जोशुआ कर्टिस बताते हैं कि स्मार्टवॉच (Smartwatch) में मौजूद सेंसर नींद, गतिविधि, हृदय गति में बदलाव आदि को ट्रैक कर सकते हैं. ये सभी चीजें डिप्रेशन (Depression) के संकेत हो सकती हैं.
अध्ययन में यह भी पाया गया कि स्मार्टवॉच (Smartwatch) से मिलने वाला डेटा मरीजों द्वारा खुद बताए गए लक्षणों से अलग जानकारी दे सकता है. कभी-कभी मरीज अपने लक्षणों को भूल जाते हैं या उन्हें कम या ज्यादा बता देते हैं. लेकिन स्मार्टवॉच से मिलने वाला डेटा अधिक सटीक और निरंतर जानकारी दे सकता है.
डॉ. कर्टिस कहते हैं कि इस जानकारी का इस्तेमाल करके डॉक्टर मरीज के इलाज को व्यक्तिगत रूप से उनकी जरूरतों के हिसाब से बेहतर बना सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर स्मार्टवॉच (Smartwatch) कम शारीरिक गतिविधि दिखाती है, तो डॉक्टर मरीज से इस बारे में बात कर सकते हैं और उन्हें एक्टिव होने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं.
ध्यान दें कि स्मार्टवॉच (Smartwatch) का इस्तेमाल डॉक्टर के इलाज को बदलने के लिए नहीं किया जाना चाहिए. बल्कि, इसका इस्तेमाल डॉक्टर को मरीज के बारे में अधिक जानकारी जुटाने और उनके इलाज को और बेहतर बनाने में मदद करने के लिए किया जाना चाहिए.
अगर आप डिप्रेशन (Depression) से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें और उनके बताए अनुसार इलाज कराएं. स्मार्टवॉच भले ही आपकी मदद कर सकती है, लेकिन यह डॉक्टर के इलाज का विकल्प नहीं है.