शोध क्या कहता है? – पहले माना जाता था कि कोरोना वायरस सीधे दिमाग को संक्रमित कर देता है, जिससे ये लक्षण होते हैं।
– लेकिन इस शोध में 21 कोरोना मरीजों के दिमाग का अध्ययन किया गया और पाया गया कि वायरस सीधे दिमाग की कोशिकाओं को संक्रमित नहीं कर रहा।
– हां, कुछ मामलों में दिमाग के ऊतकों में वायरस का जेनेटिक पदार्थ मिला, लेकिन वो संक्रमित कोशिकाओं से नहीं, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों से वायरस ले कर आई रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं से मिला।
– शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना से संक्रमित लोगों के दिमाग की कुछ कोशिकाओं में सूजन के कारण बदलाव आए हैं।
– ये बदलाव दिमाग के उन हिस्सों में ज्यादा पाए गए, जो थकान, मूड और प्रेरणा को नियंत्रित करते हैं। इसलिए ये लक्षण हो सकते हैं।
अच्छी खबर! ये लक्षण ठीक हो सकते हैं!
– लेकिन इस शोध में 21 कोरोना मरीजों के दिमाग का अध्ययन किया गया और पाया गया कि वायरस सीधे दिमाग की कोशिकाओं को संक्रमित नहीं कर रहा।
– हां, कुछ मामलों में दिमाग के ऊतकों में वायरस का जेनेटिक पदार्थ मिला, लेकिन वो संक्रमित कोशिकाओं से नहीं, बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों से वायरस ले कर आई रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं से मिला।
– शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना से संक्रमित लोगों के दिमाग की कुछ कोशिकाओं में सूजन के कारण बदलाव आए हैं।
– ये बदलाव दिमाग के उन हिस्सों में ज्यादा पाए गए, जो थकान, मूड और प्रेरणा को नियंत्रित करते हैं। इसलिए ये लक्षण हो सकते हैं।
अच्छी खबर! ये लक्षण ठीक हो सकते हैं!
शोध में पाया गया कि ये बदलाव शरीर में कोरोना का संक्रमण खत्म होने के बाद धीरे-धीरे कम हो जाते हैं।
यानी ज्यादातर मामलों में ये लक्षण ठीक हो सकते हैं।
यानी ज्यादातर मामलों में ये लक्षण ठीक हो सकते हैं।