Health tips : गिलोय बढ़ता है आपके आंखों की रोशनी , जानें गिलोय के फायदे
क्या आप जानते हैं गिलोय आपके सेहत और आंखो के लिए कितना जरूरी हैं।यदि आपको आंखो से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या है । तो इसके समाधान के लिए आपको अपने लाइफ स्टाइल में कुछ खास परिवर्तन नहीं पर एक चीज करने की जरूरत है। वह है गिलोय ।
नई दिल्ली। गिलोय के फायदे तो अनेक हैं। ये तो आप लोग जानते ही होंगे । परंतु इस अनेक फायदे में से एक है आंखो की सेहत और इसके देखभाल से जुड़ा फ़ायदा । आज हम आपको गिलोय के गुण का भरमार आंखो की हेल्थ के टिप्स बताने वाले हैं। गिलोय में कई प्रकार के स्वस्थ वर्धक गुण पाए जाते हैं । गिलोय के पत्ते स्वाद में कसैले, कड़वे और तीखे होते हैं। गिलोय का उपयोग कर वात-पित्त और कफ को ठीक किया जा सकता है। यह पचने में आसान होती है, भूख बढ़ाती है, साथ ही आंखों के लिए भी लाभकारी होती है। आप गिलोय के इस्तेमाल से प्यास, जलन, डायबिटीज, कुष्ठ और पीलिया रोग में लाभ ले सकते हैं।
1. गिलोय के औषधीय गुण आँखों के रोगों से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं। इसके लिए 10 मिली गिलोय के रस में 1-1 ग्राम शहद व सेंधा नमक मिलाकर खूब अच्छी प्रकार से खरल में पीस लें। इसे आँखों में काजल की तरह लगाएं। इससे अँधेरा छाना, चुभन, और काला तथा सफेद मोतियाबिंद रोग ठीक होते हैं।
2. गिलोय रस में त्रिफला मिलाकर काढ़ा बनायें। 10-20 मिली काढ़ा में एक ग्राम पिप्पली चूर्ण व शहद मिलाकर सुबह और शाम सेवन करने से आँखों की रौशनी बढ़ जाती है। गिलोय का सेवन करते समय एक बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि इसका सही मात्रा और सही तरह से सेवन करने पर ही गिलोय के फायदे का सही तरह से उपकार आँखों को मिल सकता है।
और भी कई प्रकार के बीमारियों में गिलोय से आपको राहत मिलता है । जैसे की गिलोय आपको गिलोय के तने को पानी में घिसकर गुनगुना कर लें। इसे कान में 2-2 बूंद दिन में दो बार डालने से कान का मैल निकल जाता है। कान के बीमारी से राहत पाने के लिए सही तरह से इस्तेमाल करने पर गिलोय के फायदे मिल सकते हैं। गिलोय का औषधीय गुण बिना कोई नुकसान पहुँचाये कान से मैल निकालने में मदद करते हैं, इससे कानों को नुकसान भी होता है।
आप गिलोय को अपने एसिडिट में भी प्रयोग कर सकते हैं। एसिडिटी के कारण उल्टी हो तो 10 मिली गिलोय रस में 4-6 ग्राम मिश्री मिला लें। इसे सुबह और शाम पीने से उल्टी बंद हो जाती है। गिलोय के 125-250 मिली चटनी में 15 से 30 ग्राम शहद मिला लें।
बवाशीर में भी सहायक है गिलोय हरड़, गिलोय तथा धनिया को बराबर भाग कर ले (20 ग्राम) लेकर आधा लीटर पानी में पका लें। जब एक चौथाई रह जाय तो खौलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा में गुड़ डालकर सुबह और शाम पीने से बवासीर की बीमारी ठीक होती है।