1.पेट में परेशानी (सूजन, दर्द या ऐंठन)
2.अनजाने में वजन कम होना
3.उल्टी और जी मिचलाना
4.एसिड भाटा (नाराज़गी)
5.दस्त, कब्ज (या कभी-कभी दोनों)
6.मल असंयम
7.थकान
8.भूख में कमी
9.निगलने में कठिनाई। इस समस्या से राहत पाने के लिए आपको अपने जीवन में कुछ आदतों को अपनाना होगा। जैसे की समय पर भोजन, भरपुर मात्रा में पानी पीना, एवम् एक्सरसाइज़ आदि।
2.अनजाने में वजन कम होना
3.उल्टी और जी मिचलाना
4.एसिड भाटा (नाराज़गी)
5.दस्त, कब्ज (या कभी-कभी दोनों)
6.मल असंयम
7.थकान
8.भूख में कमी
9.निगलने में कठिनाई। इस समस्या से राहत पाने के लिए आपको अपने जीवन में कुछ आदतों को अपनाना होगा। जैसे की समय पर भोजन, भरपुर मात्रा में पानी पीना, एवम् एक्सरसाइज़ आदि।
पानी भरपूर मात्रा में पिए
कुदरत द्वारा हमें प्रदान किया गया पानी हमारे लिए बहुमूल्य है। ज्यादातर लोग दिनभर में बहुत कम पानी पीते हैं। हमें एक दिन में लगभग 2 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए। अगर आपका पाचन तंत्र ठीक नहीं है तो आप इसे अधिक पानी पीकर भी काफी हद तक मजबूत कर सकते हैं। इससे शरीर में पानी की पूर्ति तो होती ही है, साथ ही भोजन पचने में भी आसानी होती है।
फास्ट फूड को ना कहें
यदि आप चाहते हैं कि आपको गैस की समस्या ना हो तो फास्ट फूड को हमेशा ना खाएं। जितना हो सके फास्ट फूड को ना कहें। अपने रोजाना के खाने में भी तेल मसाले की मात्रा थोड़ी कम रखे , हो सके तो खाने के अंत में दही का सेवन करें । यदि खाना अधिक तेल मसाले से भरा है तो दही को अवश्य ही अपने खाने में शामिल करें इससे आपको पचाने में आसानी होगी।
यदि आप चाहते हैं कि आपको गैस की समस्या ना हो तो फास्ट फूड को हमेशा ना खाएं। जितना हो सके फास्ट फूड को ना कहें। अपने रोजाना के खाने में भी तेल मसाले की मात्रा थोड़ी कम रखे , हो सके तो खाने के अंत में दही का सेवन करें । यदि खाना अधिक तेल मसाले से भरा है तो दही को अवश्य ही अपने खाने में शामिल करें इससे आपको पचाने में आसानी होगी।
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फिजिकल एक्टिविटीपाचन तंत्र अधिकतर उन्ही लोगो का ख़राब होता है, जो शारारिक काम नहीं करते हैं। ऐसे बहुत से लोग होते हैं, जिनका काम शारारिक नहीं होता। ऐसे लोग अपनी दिनचर्या में कुछ शारारिक काम कर सकते है। अगर काम नहीं है तो वे सुबह उठकर टहल सकते हैं।