Preeclampsia blood test : ब्लड प्रोटीन अनुपात से रिस्क का आकलन
हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि डॉक्टर अब गर्भवती महिलाओं के प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) के जोखिम का पता लगाने के लिए एक सामान्य रक्त परीक्षण का उपयोग कर सकते हैं। इसमें फाइब्रिनोजेन और एल्ब्यूमिन नामक दो रक्त प्रोटीन के अनुपात की गणना की जाती है। फाइब्रिनोजेन एक प्रोटीन है जो रक्त के थक्के बनने और सूजन के लिए जिम्मेदार होता है, जबकि एल्ब्यूमिन शरीर में तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
फाइब्रिनोजेन-एल्ब्यूमिन अनुपात (FAR) की भूमिका
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं का फाइब्रिनोजेन-एल्ब्यूमिन अनुपात (FAR) अधिक होता है, उनमें प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) का जोखिम भी अधिक होता है। FAR का कोई सार्वभौमिक मानक नहीं है, लेकिन अध्ययन से पता चला कि उच्च FAR मान, जो 0.3 या उससे अधिक हो सकता है, प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) के जोखिम को बढ़ा देता है। वहीं, जिन महिलाओं का FAR 0.1 या उससे कम होता है, उनमें यह जोखिम कम होता है। यह भी पढ़ें-अंडे से भी ज्यादा प्रोटीन लिए बैठें हैं ये 9 देसी स्नैक्स, इस तरह से करें डाइट में शामिल अध्ययन के प्रमुख निष्कर्ष
इस अध्ययन में 2018 से 2024 के बीच जन्म देने वाली 2,629 महिलाओं के रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया। इनमें से 584 महिलाओं में हल्के लक्षणों के साथ प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) देखा गया, जबकि 226 महिलाओं में गंभीर लक्षण पाए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं का FAR स्तर अधिक था, उनमें प्रीक्लेम्पसिया विकसित होने की संभावना भी अधिक थी।
जोखिम संकेतक और डॉक्टरों की भूमिका
अगर गर्भवती महिला 35 वर्ष से अधिक उम्र की है, उसे क्रोनिक उच्च रक्तचाप है या वह मोटापे से ग्रसित है, तो उसका प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) का जोखिम और बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में डॉक्टर, महिला के FAR और अन्य नैदानिक संकेतकों का मूल्यांकन कर सकते हैं और रक्तचाप व तरल पदार्थ के स्तर को नियंत्रित करने के लिए विशेष सावधानी बरत सकते हैं। यह भी पढ़ें-हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने वाले 6 आसान उपाय यह शोध प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia) की पहचान और उसके जोखिम के आकलन में एक नई दिशा प्रदान करता है। रक्त प्रोटीन के अनुपात की जांच कर, डॉक्टर अब गर्भवती महिलाओं को समय रहते आवश्यक उपचार प्रदान कर सकते हैं, जिससे उनकी और उनके बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।