• अत्यधिक मोटापा और वजन दोनों ही शरीर में ढेरों बीमारियां साथ लेकर आते हैं। अधिक वजन वाले लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा भी अधिक होता है। क्योंकि वजन बढ़ने से ट्राइग्लिसराइड्स बढ़ जाता है, जो आगे चलकर ब्लॉकेज का कारण हो सकता है। इसलिए ध्यान रखें कि हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे से बचे रहने के लिए शारीरिक वजन को नियंत्रित रखना जरूरी है।
• जो लोग अत्यधिक धूम्रपान और शराब का सेवन करते हैं उनमें हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या देखने को मिलती है। इसके अतिरिक्त नशीले पदार्थों अथवा शराब का सेवन लीवर और दिल की मांसपेशियों के लिए भी हानिकारक होता है, जो कि कई बार उच्च रक्तचाप का कारण बन जाता है।
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• खानपान के अतिरिक्त अधिक कोलेस्ट्रॉल के लिए आनुवंशिक कारण भी उत्तरदायी हो सकते हैं। आनुवंशिक कारणों से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर कई बार समय से पहले ब्लॉकेज और स्ट्रोक की परेशानी हो सकती है।
• अधिक सैच्युरेटेड वसा वाले आहारों का सेवन करने से रक्त में एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ जाती है। रेडमीट, घी, पनीर, मक्खन जैसे डेयरी उत्पाद, केक, पेस्ट्री, जंक फूड, अंडा, नारियल तेल, पाम ऑइल, चॉकलेट्स और प्रोसेस्ड फूड हमारे शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकते हैं। इसलिए इन खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करें।
• कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का एक कारण लंबे समय तक तनाव में रहना भी हो सकता है। आमतौर पर कुछ लोग तनाव में असमय और गलत खाने-पीने लगते हैं अथवा शराब या नशीले पदार्थों का सेवन करने लगते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ जाता है।
• विशेषज्ञों की मानें तो 20 वर्ष की उम्र के बाद में शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ना प्रारंभ हो जाता है। महिलाओं तथा पुरुषों में कोलेस्ट्रोल का यह स्तर 60 से 65 वर्ष की उम्र तक समान रूप से बढ़ता है। हालांकि मासिक धर्म शुरू होने से पहले महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल स्तर कम रहता है जबकि मासिक धर्म के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा हो जाता है।