Beauty Tips: क्या ठंड के मौसम में आपकी भी चेहरे से निकलने लगती है पपड़ी तो अपनाएं यह स्किन केयर रूटीन
सबसे ज्यादा असर करती हैं ये पांच बीमारियांचिकनपॉक्स
भारत अब भी उन देशों में से एक हैं जहां ये बीमारी काफी ज्यादा होती है। जहां एक ओर ये अच्छी इम्यूनिटी वाले एडल्ट्स को ज्यादा परेशान नहीं करती है वहीं कम उम्र के बच्चों के लिए ये खतरनाक हो सकती है। ये हवा में फैलने वाले वायरस से होती है और ये शरीर पर लाल फोड़े के रूप में पहचानी जाती है।
इन्फ्लूएंजा वायरस चार तरह के होते हैं जिनमें A, B, C और D शामिल हैं। ए और बी टाइप वायरस ठंड और बदलते मौसम में बहुत तेजी से फैलते हैं। फ्लू की वजह से लंग्स, नाक, गला आदि चोक होने लगते हैं और सर्दी के साथ-साथ बुखार, कंपकंपी, दर्द, कफ आदि समस्याएं होती हैं।
ये एक तरह का लंग इन्फेक्शन है जो वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। इससे सांस लेने में समस्याएं होती हैं और सर्दी और खांसी जरूरत से ज्यादा होती है। ये इन्फेक्टेड इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकता है। 2 साल से कम उम्र के बच्चे इसकी चपेट में आ जाएं तो ये बहुत बड़ी समस्या बन सकता है।
डायरिया बच्चों की सबसे आम बीमारियों में से एक है जिसके साथ फीवर, उल्टी, दस्त, डिहाइड्रेशन, पेट में दर्द, रैशेज आदि समस्याएं होती हैं। बच्चों में डायरिया होने का सबसे आम कारण है रोटावायरस जो एक तरह का पैरासाइट है।
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मलेरिया
1-5 साल के बच्चों की मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण मलेरिया माना जाता है जो कई देशों में बहुत ज्यादा तेज़ी से फैलता है। भारत में मलेरिया, निमोनिया और डायरिया बच्चों की सेहत के लिए सबसे खराब माने जाते हैं। मलेरिया में बुखार, थकान, उल्टी, सिरदर्द, स्किन की समस्या, सीजर, कोमा या मौत भी हो सकती है।