काम की बातें
पर्सनल वर्कआउट प्लान – अपने फिटनेस स्तर, लक्ष्यों व स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार पर्सनल वर्कआउट प्लान बनाएं। सही वॉर्मअप – वर्कआउट से पहले 10-15 मिनट का वॉर्मअप करें।
धीरे-धीरे बढ़ाएं- धीरे-धीरे वर्कआउट की तीव्रता व वजन बढ़ाएं।
पर्सनल वर्कआउट प्लान – अपने फिटनेस स्तर, लक्ष्यों व स्वास्थ्य की स्थिति के अनुसार पर्सनल वर्कआउट प्लान बनाएं। सही वॉर्मअप – वर्कआउट से पहले 10-15 मिनट का वॉर्मअप करें।
धीरे-धीरे बढ़ाएं- धीरे-धीरे वर्कआउट की तीव्रता व वजन बढ़ाएं।
कार्डियोवेस्कुलर एक्सरसाइज – हफ्ते में 150 मिनट मध्यम तीव्रता (जैसे तेज चलना) या 75 मिनट उच्च तीव्रता (जैसे दौडऩा)। साइक्लिंग, तैराकी, या एरोबिक्स शामिल करें।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग- सप्ताह में 2-3 दिन मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए वेट लिफ्टिंग करें। सही तकनीक और वजन का चयन करें।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग- सप्ताह में 2-3 दिन मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए वेट लिफ्टिंग करें। सही तकनीक और वजन का चयन करें।
आकलन जरूरी
जिम जॉइन करने से पूर्व फिटनेस असेसमेंट जरूरी है। इन घटकों पर ध्यान दें –
मेडिकल हिस्ट्री: स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, जैसे पुरानी बीमारियां या दवाएं।
शारीरिक परीक्षण: वजन, ऊंचाई और बीएमआइ। स्ट्रेंथ परीक्षण: मांसपेशियों की ताकत का आकलन, जैसे पुशअप या स्क्वॉटस।
फ्लेक्सिबिलिटी टेस्ट: जैसे कि स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज।
एरोबिक सहनशक्ति की जांच: ट्रेडमिल पर वर्कआउट।
जिम जॉइन करने से पूर्व फिटनेस असेसमेंट जरूरी है। इन घटकों पर ध्यान दें –
मेडिकल हिस्ट्री: स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, जैसे पुरानी बीमारियां या दवाएं।
शारीरिक परीक्षण: वजन, ऊंचाई और बीएमआइ। स्ट्रेंथ परीक्षण: मांसपेशियों की ताकत का आकलन, जैसे पुशअप या स्क्वॉटस।
फ्लेक्सिबिलिटी टेस्ट: जैसे कि स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज।
एरोबिक सहनशक्ति की जांच: ट्रेडमिल पर वर्कआउट।
जिम में मृत्यु के कारण –
कई बार बिना पूर्व जानकारी के हृदय रोग या हाई बीपी होने, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज से शरीर पर दबाव पडऩे, गर्म मौसम में या पर्याप्त पानी नहीं पीने, व्यायाम करते समय गलत तकनीक से चोट लगने या हृदय पर अतिरिक्त दबाव पडऩे का जोखिम बढ़ जाता है। प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट्स या कैफीन का ज्यादा सेवन हृदय की धडक़न को तेज कर सकता है।
कई बार बिना पूर्व जानकारी के हृदय रोग या हाई बीपी होने, जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज से शरीर पर दबाव पडऩे, गर्म मौसम में या पर्याप्त पानी नहीं पीने, व्यायाम करते समय गलत तकनीक से चोट लगने या हृदय पर अतिरिक्त दबाव पडऩे का जोखिम बढ़ जाता है। प्री-वर्कआउट सप्लीमेंट्स या कैफीन का ज्यादा सेवन हृदय की धडक़न को तेज कर सकता है।