इंसान के पतन का रास्ता नशे की लत से होकर गुजरता है। लेकिन ये सब जानने के बावजूद वह इस लत को पकड़ने के बाद कभी छो़ड़ना नहीं चाहता है या नशे की लत इंसान को इस हद तक अपने आगोश में ले लेती है कि वह इसमें समाता चला जाता है। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर आदमी नशा क्यों करता है और वो कौनसी वजह होती है कि इंसान नशे के लिए मजबूर हो जाता है। इसकी वजह भी तलाशना लाजमी है।
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International Day Against Drug Abuse : नशे की लत को लेकर ज्योतिष शास्त्र में आदमी के भाग्य को भी इंगित किया गया है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के ग्रहों की स्थिति इंसान में नशे की लत के लिए जिम्मेदार होती है। इसके साथ ही विभिन्न ग्रह इंसान में अलग-अलग नशे के लिए जिम्मेदार होते हैं। कुछ खास ग्रहों के प्रभाव की वजह से व्यक्ति नशे कि गिरफ्त में आ जाता है और अपना सब कुछ तबाह कर लेता है। अब बात करते हैं उन ग्रहों की जिनकी वजह से नशा व्यक्ति पर हावी हो जाता है। यह भी पढ़ें
इंटरमिटेंट फास्टिंग से नहीं हो रहा है वजन कम? तो आजमाएं वजन कम करने के ये 5 टिप्सचद्र ग्रह है शराब के लिए जिम्मेदार ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र ग्रह को नशे की लत के लिए जिम्मेदार बताया गया है। कुंडली में लग्न स्थान यानी पहले भाव में चंद्र की स्थिति और छठे और ग्यारहवे भाव के स्वामी और राहु के के प्रभाव के कारण व्यक्ति नशे में डूब जाता है। इसके साथ ही यदि व्यक्ति की कुंडली में मंगल का दोष है तो वह मांसाहार की और अग्रसर होता है। इस तरह के नशे का प्रभाव आदमी के स्वभाव के साथ उसके पुर परिवार पर भी पड़ता है। लाइफ में लड़ाई -झगड़े और अशांति फैल जाती है। और यही अशांति आदमी को नशे की लत की और लेकर जाती है।
किसी भी तरह के नशे के लिए कुंडली का राहु जिम्मेदार होता है। राहु के दुष्प्रभाव से इंसान का जीवन तबाह हो जाता है। राहु यदि पहले, दूसरे, सातवें और बारहवें स्थान पर हो तो इंसान नशे का आदि हो जाता है। राहु के प्रभाव से सबसे पहले इंसान को धूम्रपान का नशा लगता है।
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ब्लड ग्लूकोज कम करने और डायबिटीज की शुरुआत रोकने में प्रभावी है ये चीजकुंडली में राहु का प्रभाव दैत्य के समान होता है। जन्म कुंडली में राहु का बलवान होना नशे की ओर व्यक्ति का रुझान दर्शाता है। साथ ही शुक्र ग्रह के प्रभाव वाले जातक आनन्द के लिये नशे की शुरूआत करते हैं। जितनी भी बुरी लत हैं, उनका कारक राहु ही है जिनमें मुख्य रूप से नशा, जुआ, चोरी आदि हैं। जन्म कुंडली मे यदि राहु 1,2,7 तथा 12वें भाव में स्थित हो तो व्यक्ति का रुझान नशा की ओर करवाता है। राहु का सबसे अधिक प्रभाव दूसरे भाव में होने से पड़ता है।
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Black Pepper Benefits : काली मिर्च के फायदे अनेक, जानिए 10 अनमोल गुणऐसे पाएं नशे से छुटकारा ज्योतिष शास्त्र में नशे की लत से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय बताए गए है। इनमे से कुछ उपायों को करके आदमी अपने नशे की लत पर लगाम लगा सकते हैं। नशे की लत थोड़ी देर के लिए आदमी के मन को शांत कर देती है। आदमी थोड़ी देर के लिए रिलैक्स फील करने लगता है। इसी कारण ज्यादातर लोग चाहकर भी इस लत को छोड़ नहीं पाते हैं। ज्योतिष शास्त्र मेंनशे की लत को छोड़ने के लिए एकमुखी रूद्राक्ष को सोने के साथ गले में धारण करने के लिए कहा गया है। पुखराज और गले में हल्दी की माला धारण करने से भी नशे से छुटकारा मिल सकता है। श्रीसूक्त के 11000 पाठ कर नशे से मुक्ति की प्रार्थना करने से भी लाभ मिलता है। शुक्रवार और रविवार को देवी के पूजन और व्रत से नशे से मुक्ति मिलती है।
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नशा छोड़ने के आयुर्वेदिक इलाज (Ayurvedic Treatment For Drug Addiction) – नीबू का रस एक गिलास पानी में मिलाकर लेने से नशे की लत से छुटकारा मिल सकता है.– चुटकी भर सौंठ (सूखा अदरक) पानी के साथ दिन में दो बार लें।
– अदरक और काली मिर्च को शहद और नीबू के साथ मिलाकर लेना नशे के पीड़ितों के लिए फायदेमंद है।
– पानी में 4 घंटे भिगोकर रखी गईं एक चम्मच किशमिश सुबह और शाम खाएं।
– मरीज को भ्रम की स्थिति से निकालने में ब्राह्मी, यष्टिमधु (मुलहठी), गुडुची या शंखपुष्पी का सेवन फायदेमंद है।
– शुरुआती स्टेज में पंचकर्म के जरिए भी शरीर की शुद्धि की जाती है।
– ऐलोवेरा लिवर के लिए फायदेमंद है, जबकि अश्वगंधा तंत्रिका तंत्र और मस्तिष्क को पुष्ट बनाता है।