वॉक-जॉगिंग में डिस्टेंसिंग पर भ्रम, 6 या 10 फीट की दूरी?
हालांकि कई अध्ययन कहते हैं, छींकने पर हवा में वायरस छह फीट से ज्यादा दूरी तक जाता है। वायरस की सक्रियता पर अध्ययन करने वाली वर्जिनिया टेक यूनिवर्सिटी की प्रो. लिंस मार कहती हैं- वॉक या जॉगिंग में दूसरों से 10 फीट की दूरी रखें। जितनी ज्यादा दूरी, उतना ही अधिक बचाव हो सकेगा।
सामने न आएं, पीछे न दौड़ें
लिंसे के अनुसार रनिंग से सांसों के साथ ज्यादा बूंदें बाहर आती हैं। दौडऩे वाले व दूसरे लोग कम अंतराल पर एक-दूसरे को क्रॉस कर रहे हैं तो तुरंत निकल जाएं। ना ठहरें और न ही आमने-सामने आएं। फैब्रिक मास्क मुंह, नाक व गले तक कसकर बांधें। समूह में और किसी के पीछे न दौड़ें। दूसरों की सांसों से निकली बूंदों से बचेंगे।
ये एहतियात भी बरतें
मैराथन धावकों को प्रशिक्षित करने वाले बॉब विल्डर कहते हैं- अभी एकदम से तेज न दौड़ें। एक मिनट की वॉक व फिर इतनी ही रनिंग करें। धीरे-धीरे इसे बढ़ाएं ताकि ब्रीदिंग नॉर्मल रहे। यदि व्यायाम कर रहे हैं तो इसके बाद स्ट्रेचिंग जरूर करें। जॉगिंग करने वालों को 650 किमी. के बराबर दौडऩे के बाद जूते बदल लेने चाहिए। विशेषज्ञों की सलाह है कि लॉकडाउन के बाद शरीर-पैरों की रिदम बनाने के लिए सप्ताहंत में 1-2 दिन का रेस्ट भी जरूर लें।
फिटनेस का नया टेस्ट
स्टेंफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 40 से 75 वर्ष के 36 लोगों (भिन्न इंसुलिन रेसिस्टेंस) में एरोबिक एक्सरसाइज के बाद शरीर में हुए मॉलिक्यूलर बदलावों का अध्ययन करके कहा है कि भविष्य में ब्लड टेस्ट से फिटनेस का पता लगाया जा सकेगा। न्यू एटलस के मुताबिक एरोबिक्स के एक सत्र के दो मिनट बाद ही शरीर के मेटाबॉलिक व इम्युन बायोमार्कर में वृद्धि देखी गई। सिर्फ ग्लूकोज का विखंडन 15 मिनट बाद हुआ। अभी फिटनेस के लिए ट्रेडमिल से जुड़ा पीक वीओ2 टेस्ट करते हैं।