ओवरहेड प्रेस: खड़े या बैठकर डंबल या बारबेल को सिर के ऊपर उठाना। यह डेल्टॉइड्स के लिए बहुत फायदेमंद है। डंबल लेटरल रेज: दोनों हाथों में डंबल लेकर सीधे खड़े हों और बाहों को साइड में उठाएं। यह साइड डेल्टॉइड के लिए बेहतर है।
१. एंटीरियर डेल्टॉइड (आगे की डेल्टॉइड)
२. लेटरल डेल्टॉइड (साइड की डेल्टॉइड)
३. पोस्टिरियर डेल्टॉइड (पीछे की डेल्टॉइड)
४. रोटेटर कफ मसल्स (रोटेटर कफ)
वार्मअप – कंधों को तैयार करने के लिए वार्मअप करें। डायनामिक स्ट्रेचिंग या हल्का कार्डियो करें।
फॉर्म – सही फॉर्म पर ध्यान दें, ताकि चोट लगने से बचा जा सके।
प्रोग्रेस – जैसे-जैसे ताकत बढ़े, वजन या रेजिस्टेंस को धीरे-धीरे बढ़ाएं।
रिकवरी – कंधों के वर्कआउट के बीच पर्याप्त रूप से रिकवरी का ध्यान रखना भी जरूरी है।
कंधों की एक्सरसाइज को सप्ताह में 1-2 करने का अवश्य प्रयास करें।