लोग कई बार फेफड़ों के कैंसर के लक्षणों को तपेदिक (टीबी) के रूप में पहचान लेते हैं, जबकि ये दोनों बीमारियाँ पूरी तरह से भिन्न हैं। दोनों में खांसी और सांस लेने में कठिनाई जैसे कुछ लक्षण समान हो सकते हैं, लेकिन इनके कारण, उपचार और गंभीरता में महत्वपूर्ण अंतर होता है। आज हम उय लेख में आपका सारा कंन्फयूजन दूर कर देगें जिससे आगे आपको इससे परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
Difference between lung cancer and TB : लंग कैंसर और उसके लक्षण
लंग कैंसर का कारण ध्रमपान को माना जाता है। इस बीमारी में फेफड़ों की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लग जाती है। लक्षण - लगातार खांसी बना रहना
- खांसी में खून आना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- छाती में दर्द
- लगातार थकान रहना
- वजन का कम होना
- आवाज में बदलाव
- बुखार बना रहना
- भूख न लगना
Difference between lung cancer and TB : टीबी और उसके लक्षण
माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया के कारण टीबी की बीमारी होती है। टीबी को एक गंभीर बीमारी माना जाता है। यह बैक्टीरिया आमतौर पर फेफड़ों को ही प्रभावित करता है इस कारण लोग इन दोनों को पहचान ने में कंन्फूज हो जाते हैं।
- लगातार खांसी जो दो हफ्ते से ज्यादा समय तक रहे
- खांसी में खून आना
- बुखार
- रात में पसीना आना
- वजन कम होना
- थकान
- भूख न लगना
Difference between lung cancer and TB : लंग कैंसर और टीबी में अंतर
- टीबी होने का प्रमुख कारण बैक्टीरिया होता है लेकिन लंग कैंसर फेफड़ों की कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने के कारण होता है
- टीबी का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं हो जाता है लेकिप फेफड़ों के कैंसर में सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी जैसे तरीकों जरूरत पड़ती है।
- टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है, जबकि फेफड़ों का कैंसर संक्रामक नहीं है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।