यह बहुत तेजी से फैलने वाली बीमारी है जो Bordetella pertussis नामक बैक्टीरिया के कारण होती है. यह बैक्टीरिया सांस लेने के ऊपरी सिस्टम को प्रभावित करता है और जहरीले पदार्थ छोड़ता है, जिससे वायु मार्ग में सूजन आ सकती है.
शुरुआती लक्षण जुकाम के बहुत समान होते हैं – जिनमें अक्सर बंद नाक, हल्का बुखार और हल्की खांसी शामिल होती है. इसलिए अधिक गंभीर लक्षण सामने आने तक इसका पता लगाना मुश्किल हो जाता है.
बच्चों में काली खांसी (Hooping cough) के सबसे गंभीर लक्षण होने की संभावना होती है, जबकि शिशुओं को आमतौर पर खांसी नहीं होती है, लेकिन उनकी सांस रुक सकती है. किशोरों और वयस्कों में अक्सर हल्के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन फिर भी खांसी के दौरे उन्हें रात में सोने नहीं दे सकते हैं. एक जटिलता यह है कि बिना किसी स्पष्ट लक्षण वाले वयस्क भी इस बीमारी को फैला सकते हैं.
एक बार पता चलने पर, डॉक्टर आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज करते हैं, खासकर खांसी शुरू होने से पहले. यदि किसी रोगी को तीन हफ्तों से अधिक समय से खांसी हो रही है, तो एंटीबायोटिक की आवश्यकता नहीं होती क्योंकि बैक्टीरिया शरीर से निकल चुका होता है और खांसी वायु मार्ग को हुए नुकसान के कारण होती है.
चीन में, आमतौर पर एक साथ लगने वाला निशुल्क टीका दिया जाता है जो बच्चों को डिप्थीरिया और टेटनस से भी बचाता है. अमेरिका में दो टीके उपलब्ध हैं – एक सात साल से कम उम्र के बच्चों के लिए और दूसरा सात साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए. ब्रिटेन में, शिशुओं को नियमित रूप से टीके लगाए जाते हैं, जबकि फिलीपींस ने मई तक टीकों की कमी की चेतावनी दी है.
काली खांसी में राहत पाने के लिए आप लहसुन और शहद का इस्तेमाल कर सकते हैं। विधि: – लहसुन की कुछ कलियों को बारीक पीस लें।
– इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर अच्छी तरह मिला लें।
– इस मिश्रण का सेवन दिन में 2-3 बार करें।
– लहसुन की कलियों का रस और शहद
– इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर अच्छी तरह मिला लें।
– इस मिश्रण का सेवन दिन में 2-3 बार करें।
– अदरक और शहद
– अदरक भी काली खांसी में लाभकारी होता है।
– इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर अच्छी तरह मिला लें।
– इस मिश्रण का सेवन दिन में 2-3 बार करें।
– हल्दी और दूध
– हल्दी और दूध का मिश्रण भी काली खांसी में फायदेमंद होता है।
– जब दूध ठंडा हो जाए तो इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करें।
– रात में सोने से पहले इस मिश्रण का सेवन करना ज़्यादा फायदेमंद होता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।