स्वास्थ्य

Covid-19 Latest Update: कोरोना से स्वस्थ हुए लोगों में दिख रही गैंग्रीन की समस्या, ऐसे पहचानें लक्षण

Covid-19 Side Effects: कोरोना वायरस महामारी से रिकवर हुए लोगों में साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में कोरोना महामारी को मात देने वाले पांच लोगों गॉल ब्लैडर में गैंग्रीन की समस्या समाने आई है।

Sep 17, 2021 / 02:02 pm

Deovrat Singh

Corona Cases In MP New Corona Cases In MP

Covid-19 Side Effects: कोरोना वायरस महामारी से रिकवर हुए लोगों में साइड इफेक्ट्स देखने को मिल रहे हैं। हाल ही में कोरोना महामारी को मात देने वाले पांच लोगों गॉल ब्लैडर में गैंग्रीन की समस्या समाने आई है। भारत में इस तरह का पहला मामला है। हालांकि पांचों मरीजों की लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करके पित्ताशय को निकाल दिया गया है। इन मरीजों का उपचार जून से अगस्त के बीच सफलतापूर्वक इलाज किया गया है।

अस्पताल में इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर, गैस्ट्रोएन्टेरोलॉजी एंड पैनक्रिएटिकोबाइलरी साइंसेज के अध्यक्ष डॉ. अनिल अरोड़ा के मुताबिक़, ‘हमने जून से अगस्त के बीच गैंग्रीन की समस्या वाले पांच मरीजों का सफलतापूर्वक उपचार किया। कोरोना से स्वस्थ होने के बाद ऐसा मामला भारत में पहली बार देखने को मिला है।

यह है पूरा मामला
कोरोना वायरस संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद मरीजों के पित्ताशय में बिना पथरी के ही गंभीर सूजन आ गई थी, जिससे इसके पित्ताशय में गैंग्रीन की समस्या उत्पन्न हो गई। ऐसी समस्या में मरीज को बचाने के लिए तत्काल सर्जरी की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञों का दावा है कि यह पहली बार है जब कोरोना संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद पित्ताशय में गैंग्रीन के मामले देखे गए हैं। इन पांच मरीजों में चार पुरुष और एक महिला है, जिनकी आयु 37 से 75 वर्ष के बीच है।

क्या है गैंग्रीन
गैंग्रीन एक बीमारी है जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों में ऊतक नष्ट होने लगते हैं। जब आपके शरीर के किसी भी हिस्से में चोट लग जाती है, और वे सही ढग़ से ठीक नहीं होते हैं तो कुछ दिनों के बाद यह सडऩे लगता है और यह एक नई समस्या पैदा करती है जिसे गैंगरीन के नाम से जाना जाता है। गैंगरीन का अर्थ है ऊतक का सडऩा। यह रोग इतना घातक है कि यह आपके शरीर की हर कोशिका को प्रभावित कर सकता है और एक दिन आपकी मृत्यु शरीर के सडऩे के कारण हो सकती है।

तीन तरह का होता गैंगरीन
पहली होती है सूखी गैंगरीन। यह शरीर के बाहरी हिस्से में विकसित होती है। यह अंग तक पर्याप्त मात्रा में खून ना पहुंच पाने के कारण होता है। दूसरी होती है शुष्क गैंगरीन। यह आमतौर पर बुजुर्गों के पैरों और उनकी उंगलियों पर विकसित होता है। और तीसरा प्रकार है वेट गैंगरीन का। यह नम ऊतकों में होता है, जैसे कि मुंह, फेफड़े, आंत, सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) और वाल्व आदि। कूल्हे व एडिय़ों आदि पर होने वाले बेड सोर्स भी वेट गैंग्रीन का एक प्रकार होता है। गैस गैंगरीन एक प्रकार का जीवाणु संक्रमण है, जो ऊतकों में गैस पैदा करता है। यह गैंगरीन का सबसे गंभीर प्रकार है। संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है।

गैंगरीन के लक्षण
शरीर के प्रभावित हिस्से का रंग खराब हो जाता है और अंत में गहरा काला और पूरी तरह से सूख जाता है। वजन वाले गैंगरीन से प्रभावित ऊतकों में सूजन आ जाती है और त्वचा से बदबू आने लगती है। ड्राई गैंगरीन के कारण त्वचा पूरी तरह से सूख जाती है और रंग गहरा लाल या काला हो जाता है। गैस गैंगरीन बहुत खराब गंध पैदा करता है और भूरे रंग का मवाद विकसित होने लगता है।

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