कोरोना के लिए बनी स्पुतनिक वैक्सीन के भी हैं कई साइड इफेक्ट, लगवाते वक्त जरूर बरतें सावधानी
स्टॉप द ट्रांसमिशन, क्रश द पेन्डेमिक के नाम से जारी किए गए डॉक्यूमेंट्स में सरकार ने वेंटिलेशन की अहमियत पर जोर दिया है। वेंटिलेशन की वजह से वहां किसी संक्रमित से दूसरे में संक्रमण फैलने का खतरा बहुत कम रहता है। साथ ही कहा गया है कि खिड़की-दरवाजे हमेशा खुले रखें। संक्रमित व्यक्ति की नाक से ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल के रूप में निकलने वाले सलिवा और डिस्चार्ज संक्रमण फैलने की प्राइमरी वजह होते हैं। लेकिन बाहर की हवा अंदर आ रही है तो संक्रमण का खतरा कम हो जाता है। इसके साथ ही ड्रॉपलेट्स अलग-अलग सतहों पर लंबे समय तक रह सकते हैं। इसलिए घर में मौजूद चीजें दैसे दरवाजे का हैंडल, लाइक का स्विच, कुर्सूी, सोफा, रिमोट आदि ब्लीच और फिनाइल से साफ करते रहे।
Covid-19 वैक्सीन के लिए ऐसे बुक करें अपॉइंटमेंट, पढ़ें पूरा प्रोसेस
सरकार के मुताबिक, संक्रमित व्यक्ति के सांस छोड़ने, बोलने, गखांसने और छींकने से लार और नाक से निकलने वाले लिक्विड में कोरोना वायरस निकलता है, जो दूसरों को भी संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमण के इस चेन को तोड़ने के लिए डबल लेयर या फिर N95 मास्क पहनना चाहिए। इसके साथ ही सुरक्षित शारीरिक दूरी बनाएं और हाथ धोते रहें। सरकारी की नई गाइडलाइन के मुताबिक, बंद और गैर-हवादार इनडोर जगहों में ड्रॉपलेट्स और एयरोसोल कोरोना वायरस के फैलाव के जोखिम को बहुत बढ़ा देते हैं।