कोरोना वायरस पर शोध कर रहे अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों की एक टीम का दावा है कि चीन के वुहान शहर में फैलने से पहले ही यह वायरस जानवरों में आ गया था।
वैज्ञानिकों के इस दावे से अमरीका और अन्य देशों के उन आरोपों पर सवालिया निशान लग जाता है जो जैविक हथियार के लिए इस वायरस को लैब में प्रयोग करते समय फैलने की बात कह रहे हैं। टीम का मानना है कि यह वायरस जानवरों से इंसान में आया है इसलिए लैब में बनाए जाने की अवधारणा गलत है। अपने दावे के समर्थन में इन वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि उन्होंने दुनिया भर के वैज्ञानिकों से प्राप्त आंकड़ों का अध्ध्यन किया है। टीम ने पाया कि यह मध्य चीन में पहली बार सामने आने से बहुत पहले जानवरों में आ गया था। अभी तक इसकी पहचान इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि इस कोरोनोवायरस ने एक अद्वितीय म्यूटेशन कर लिया था जिसे जानवरों में पहचाना नहीं जा सका। लेकिन बार-बार इंसानों के संपर्क में आने से इसके अति सूक्ष्म क्लस्टर एक से दूसरे मानव शरीर में पहुंच गए।
89 करोड़ मास्क और 30 करोड़ गाउन चहिए प्रतिमाह कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने वाले अस्पतालों में काम कर रहे फ्रंटलाइन चिकित्सकर्मियों को प्रतिमाह 89 करोड़ फेस मासक और करीब 30 करोड़ गाउन की जरुरत है। इनकी कमी के चलते अकेले इटली में ही छह हजार यानी करीब 9 फीसदी लोग स्वास्थ्यकर्मी इस वायरस से संक्रमित हैं। जबकि स्पेन में संक्रमित रोगियों में से 17 फीसदी अकेली महिला स्वास्थ्यकर्मी हैं। चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना से 88 फीसदी चिकित्साकर्मी संक्रमित हुए थे। विश््रव स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि फ्रंटलाइन चिकित्सा सेवाएं दे रहे नर्स और डॉक्टरों को 16 लाख गॉगल्स, 76 करोड़ ग्लव्ज और करीब 29 लाख लीटर हेंड सैनिटाइजर की प्रतिमाह जरुरत है।
बूढ़ी आबादी के लिए जापान बढ़ा रहा चिकित्सा उपकरणों की डिमांड दुनिया की सबसे बूढ़ी आबादी वाला देश कोरोना वायरस के संक्रमण से अपनी बुजुर्ग आबादी को बचाने के लिए वेंटिलेटर्स और अन्य जरूरी चिकित्सा उपकरणों के लिए आपूर्ति बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। गौरतलब है कि यह वायरस 70 से 80साल के बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरनाक है। अभी देश में 4 से 5 हजार वेंटिलेटर्स उपलब्ध हैं। 80 फीसदी लोगों में वायरस के सामान्य प्रभाव हैं लेकिन 5 फीसदी लोगों में यह गंभीर स्थिति ले लेता है। जापान की रेस्पिेरेटरी केयर मेडिसिन एसोसिएशन के अनुसार देश के विभिन्न अस्पतालों में अभी 22254 वेंटिलेटर्स हैं जिनमें से 10 हजार से ज्यादा वेंटिलेटर्स गहन चिकित्सा कक्ष और ऑपरेशन थिएटर में हैं।