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इसलिए भी होता है इनसे नुकसान इन गोलियों में एस्पार्टेम, सैकरिन, सुक्रोज और रेबियाना जैसे पदार्थ होते हैं। शुगर फ्री गोलियों (sugar free tablets) की पैकिंग पर ये नाम लिखे होते हैं। कई अन्य शोध में यह भी कहा गया है कि इसे प्राकृतिक उत्पादों की मदद से तैयार किया जाता है लेकिन केमिकल प्रोसेस के कारण ये अधिक नुकसान पहुंचाती हैं।
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खत्म करती हैं पेट में बैक्टीरिया शुगर फ्री गोलियों (sugar free tablets से आंतों में मौजूद बैक्टीरिया पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिससे भूख कम लगती है। मोटापा बढऩे से हार्ट की बीमारियों की आशंका बढ़ती है। कुछ मामलों में लंबे समय तक शुगर फ्री गोलियों को लेने से आंखों की रोशनी भी घटने की आशंका देखी गई है।
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ऐसे बढ़ता है वजन अमरीका के सेंटर फॉर साइंस इन पब्लिक इंटरेस्ट के मुताबिक, कृत्रिम स्वीटनर्स से पेट भरा हुआ नहीं लगता और सामने वाले को भूख लगने लगती है। भूख लगेगी तो अधिक खाएंगे और वजन बढऩे से दूसरी लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों की आशंका रहती है।
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डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।