दरअसल, महिला जून 2020, अप्रैल 2021 और जुलाई 2022 में बाल सीधा कराने के लिए सैलून गई थी। हर बार सैलून जाने के बाद उसे उल्टी, दस्त, बुखार और पीठ दर्द की शिकायत होती थी। साथ ही बालों को सीधा कराते वक्त स्कैल्प पर जलन भी महसूस होती थी और जल्द ही सिर पर घाव भी हो जाते थे।
जांच में पता चला कि उसके पेशाब में खून आ रहा था, लेकिन किसी तरह के इंफेक्शन के लक्षण नहीं मिले। सीटी स्कैन से पता चला कि महिला की यूरिनरी सिस्टम, जिसमें किडनी, ब्लैडर, योरेटर और यूरेथ्रा शामिल हैं, में कोई रुकावट नहीं है।
जांच में पता चला कि महिला के बाल जिस क्रीम से सीधे किए जा रहे थे, उसमें ग्लाइऑक्सिलिक एसिड (Glyoxylic acid) नाम का रसायन था। यही रसायन महिला के स्कैल्प में जलन और घाव का कारण बना।
चूहों पर किया गया प्रयोग डॉक्टरों ने इस मामले की बेहतर समझ के लिए चूहों पर प्रयोग किया। प्रयोगों के आधार पर डॉक्टरों का मानना है कि यह एसिड स्कैल्प के जरिए शरीर में दाखिल होकर किडनी तक पहुंच गया और वहां जाकर खराबी पैदा कर दी।
प्रयोग में चूहों की पीठ पर महिला के बाल सीधा करने वाले प्रोडक्ट को लगाया गया, जिसमें 10% ग्लाइऑक्सिलिक एसिड (Glyoxylic acid) था। वहीं, दूसरे समूह के चूहों पर पेट्रोलियम जेली लगाई गई। जिन चूहों पर हेयर प्रोडक्ट लगाया गया था, उनके पेशाब में वैसी ही क्रिस्टलनुमा चीजें पाई गईं, जैसी उन लोगों के पेशाब में पाई जाती हैं जिन्होंने गलती से इथिलीन ग्लाइकोल नाम का खतरनाक रसायन पी लिया हो। इथिलीन ग्लाइकोल कई घरेलू और औद्योगिक चीजों में पाया जाता है, जैसे कि एंटीफ्रीज।
उन चूहों के खून में क्रिएटिनिन नामक पदार्थ का लेवल भी ज्यादा पाया गया, जिनपर हेयर प्रोडक्ट लगाया गया था। वहीं, उनकी किडनी में कैल्शियम ऑक्सालेट मोनोहाइड्रेट की मात्रा भी ज्यादा थी, जो पेट्रोलियम जेली वाले चूहों में नहीं पाई गई।
गौर करने वाली बात ये है कि महिला को हर बार सैलून जाने के बाद किडनी की समस्या जल्दी ठीक हो जाती थी। लेकिन, उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों का मानना है कि यह मामला बालों को सीधा करने वाले प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल होने वाले ग्लाइऑक्सिलिक एसिड (Glyoxylic Acid) के खतरे की चेतावनी है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए और हो सके तो इन्हें बाजार से हटा दिया जाना चाहिए।
बता दें कि हाल ही में फॉर्मलाडेहाइड के सुरक्षित विकल्प के तौर पर बालों को सीधा करने वाले प्रोडक्ट्स में ग्लाइऑक्सिलिक एसिड (Glyoxylic Acid) का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, कुछ रिपोर्ट्स बताती हैं कि ये प्रोडक्ट्स भी किडनी की बीमारी से जुड़े हो सकते हैं। इजरायल में किडनी खराब होने से जुड़े 26 मरीजों के हालिया अध्ययन में पाया गया कि कुछ लोगों ने ऐसे प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया था जिनमें ग्लाइकोलिक एसिड (Glyoxylic Acid) होता है, जो शरीर में जाकर ग्लाइऑक्सिलिक एसिड में बदल जाता है।