– “एक जनरल फिजिशियन के रूप में, मैंने खुद देखा है कि भारत का स्वास्थ्य परिदृश्य कैसे एक परेशान करने वाले रुझान से बदल रहा है: न केवल वयस्कों में, बल्कि बच्चों में भी गैर-संक्रामक बीमारियों (एनसीडी) का बढ़ना। टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोग और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों का अब कम उम्र में ही पता लगाया जा रहा है।” – डॉ. वैशाली लोखंडे, जनरल फिजिशियन, इंटरनल मेडिसिन, अपोलो हॉस्पिटल्स।
– अस्पताल के आंकड़ों से पता चलता है कि पांच साल पहले की तुलना में बच्चों में मोटापा (Obesity in children) तीन गुना हो गया है। उच्च रक्तचाप, जो कभी बच्चों में दुर्लभ था, अब लगभग चार गुना बढ़ गया है।
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– हाल ही में लैंसेट पत्रिका में प्रकाशित एक वैश्विक विश्लेषण से पता चला है कि भारत में 2022 में 5 से 19 साल के बीच के 12.5 मिलियन बच्चे (7.3 मिलियन लड़के और 5.2 मिलियन लड़कियां) अधिक वजन वाले थे, जबकि 1990 में यह संख्या 0.4 मिलियन थी।
– अस्पताल के आंकड़ों से पता चलता है कि पांच साल पहले की तुलना में बच्चों में मोटापा (Obesity in children) तीन गुना हो गया है। उच्च रक्तचाप, जो कभी बच्चों में दुर्लभ था, अब लगभग चार गुना बढ़ गया है।
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– डॉ. श्रद्धार देशमुख, रूबी हॉल क्लिनिक हिंजवाड़ी का कहना है कि “यह सिर्फ तीन दशकों में तीन गुना वृद्धि है, और यह हमारे राष्ट्र के भविष्य के स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक तस्वीर पेश करता है। एक डॉक्टर के रूप में, मैं भारत में बढ़ते मोटापे, विशेष रूप से बच्चों में होने वाली खतरनाक वृद्धि से बहुत चिंतित हूं।”
– डॉ. मनीष मित्तल, भाईलाल अमीन जनरल अस्पताल, वडोदरा के अनुसार, जीवनशैली कारक जैसे अस्वस्थ खानपान, कम शारीरिक गतिविधि और कम उम्र में मोटापा बढ़ने का कारण बनते हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह जैसे जोखिम बढ़ जाते हैं।
– डॉ. मनीष मित्तल, भाईलाल अमीन जनरल अस्पताल, वडोदरा के अनुसार, जीवनशैली कारक जैसे अस्वस्थ खानपान, कम शारीरिक गतिविधि और कम उम्र में मोटापा बढ़ने का कारण बनते हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह जैसे जोखिम बढ़ जाते हैं।
मोटापा रोकने के लिए क्या करें? What to do to prevent obesity?
– डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों में जागरूकता और शिक्षा जरूरी है। अस्वस्थ खानपान, कम शारीरिक गतिविधि और बचपन में ही मोटापा, इसके प्रमुख कारण हैं।– डॉ. आसीम मल्दार का कहना है कि, “बचपन की आदतें वयस्क स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। हमें पारंपरिक, पौष्टिक भोजन को बढ़ावा देना चाहिए, शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देना चाहिए, और स्वस्थ वातावरण को बढ़ावा देने वाली नीतियों को लागू करना चाहिए।”