चिकनगुनिया (Chikungunya) एक वायरल बीमारी है जो मच्छरों द्वारा फैलती है। आमतौर पर, यह बीमारी एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छरों के काटने से फैलती है। इन मच्छरों को पीला बुखार मच्छर और टाइगर मच्छर भी कहा जाता है।
शोधकर्ताओं ने ब्राजील में रहने वाले 1 करोड़ 50 लाख लोगों के आंकड़ों का इस्तेमाल किया। उन्होंने लगभग 1 लाख 50 हज़ार चिकनगुनिया के मामलों का विश्लेषण किया। शोध में पाया गया कि संक्रमण के पहले हफ्ते में ही पीड़ित व्यक्ति को सामान्य लोगों की तुलना में मरने का खतरा आठ गुना अधिक होता है। तीन महीने बाद भी यह खतरा दो गुना बना रहता है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि चिकनगुनिया (Chikungunya से संक्रमित लोगों में हृदय रोग, जैसे इस्केमिक हृदय रोग, और किडनी रोगों से मृत्यु का खतरा ज्यादा रहता है। यह खतरा उम्र और ***** से स्वतंत्र है।
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शोधकर्ताओं ने पाया कि चिकनगुनिया (Chikungunya से संक्रमित लोगों में हृदय रोग, जैसे इस्केमिक हृदय रोग, और किडनी रोगों से मृत्यु का खतरा ज्यादा रहता है। यह खतरा उम्र और ***** से स्वतंत्र है।
जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और लोगों की आवाजाही बढ़ने के कारण एडीज मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों के बढ़ने की आशंका है। इसलिए, चिकनगुनिया अब जन स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है।
शोधकर्ताओं में से डॉ एनी डा पैक्सो क्रूज़ का कहना है, “चूंकि चिकनगुनिया (Chikungunya) के संक्रमण बढ़ने की उम्मीद है, इसलिए स्वास्थ्य सेवाओं को यह ध्यान रखना चाहिए कि संक्रमण के तीव्र चरण के बाद भी खतरा बना रहता है।”
चिकनगुनिया (Chikungunya) शब्द कीमाकोन्डे भाषा के एक शब्द से आया है, जिसका अर्थ है “विकृत हो जाना”। यह इस बीमारी से जुड़े तेज जोड़ों के दर्द और बुखार को दर्शाता है। हालांकि ज्यादातर मरीज पूरी तरह ठीक हो जाते हैं, लेकिन चिकनगुनिया जानलेवा भी हो सकता है। 2023 में, दुनिया भर में लगभग 5 लाख मामले दर्ज किए गए और 400 से अधिक लोगों की मौत हुई, हालांकि कई संक्रमणों की रिपोर्ट नहीं होती है।
फिलहाल, चिकनगुनिया (Chikungunya) को रोकने के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है और संक्रमण के बाद कोई खास इलाज भी नहीं है। हालांकि, नवंबर 2023 में अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने दुनिया के पहले चिकनगुनिया वैक्सीन को मंजूरी दी है।
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क्रूज़ का कहना है, “यह शोध प्रभावी चिकनगुनिया (Chikungunya) दवाओं के विकास और बार-बार होने वाले प्रकोप वाले देशों में स्वीकृत टीकों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए निरंतर शोध और विकास की आवश्यकता को रेखांकित करता है।”
चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के प्रसार को नियंत्रित करने के उपायों को मजबूत करना भी इस बीमारी से जुड़ी अधिक मृत्यु दर को कम करने के लिए आवश्यक है।