स्वास्थ्य

सरोगेसी कानून को चुनौती: क्या दूसरा बच्चा पैदा करना होगा गैर-कानूनी?

भारत की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को एक जोड़े की याचिका पर विचार करने की सहमति दी है, जो दंपत्ति को दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए सरोगेसी का इस्तेमाल करने से रोकने वाले सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 के एक प्रावधान को चुनौती देता है।

जयपुरApr 20, 2024 / 08:59 am

Manoj Kumar

Surrogacy Law India

Supreme Court Challenges Surrogacy Law : भारत के उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को एक कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने अनुमति दी है। यह कानून उन विवाहित जोड़ों को दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए सरोगेसी (Surrogacy) का सहारा लेने से रोकता है, जिनके पहले से ही एक स्वस्थ बच्चा है (चाहे वह जन्म से हो, गोद लिया हुआ हो या सरोगेसी से पैदा हुआ हो)।

सरोगेसी (विनियमन) अधिनियम, 2021 की धारा 4(iii)(C)(II) की संवैधानिक वैधता को चुनौती

न्यायमूर्तियों बी.वी. नागरत्ना और ऑगस्टाइन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र सरकार को इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। यह याचिका एक विवाहित जोड़े द्वारा दायर की गई है, जो सरोगेसी (Surrogacy) (विनियमन) अधिनियम, 2021 की धारा 4(iii)(C)(II) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दे रही है।
याचिका में कहा गया है कि यह प्रावधान अनुचित, भेदभावपूर्ण और बिना किसी ठोस आधार के बनाया गया है, और यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत महिलाओं को दिए गए प्रजनन अधिकारों का उल्लंघन करता है।
याचिका में यह भी कहा गया है कि यह विवाहित जोड़ों को सरोगेसी (Surrogacy) से वंचित कर देता है, जो द्वितीयक बांझपन (Infertility) से पीड़ित हैं। द्वितीयक बांझपन आजकल बांझपन का सबसे आम रूप है।
Supreme Court Challenges Surrogacy Law
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याचिका में कहा गया है कि “जबकि सरोगेसी (Surrogacy) अधिनियम कई चिकित्सीय स्थितियों को निर्धारित करता है जिन्हें प्राथमिक बांझपन माना जा सकता है और जिन्हें सरोगेसी (Surrogacy) नियमों के नियम 14 के तहत गर्भावस्था (Pregnancy) सरोगेसी की आवश्यकता होती है, यह द्वितीयक बांझपन के मामलों को पूरी तरह से ध्यान में रखने में विफल रहता है।” याचिका में आगे कहा गया है कि एक से अधिक बच्चे पैदा करने वाले दंपत्ति के आधार पर ऐसा भेदभाव करने के पीछे कोई तर्क नहीं है।
याचिका दायर करने वाला दंपत्ति पहले से ही एक स्वस्थ बच्चे का माता-पिता है, लेकिन पत्नी के पहले बच्चे के जन्म के बाद उसे द्वितीयक बांझपन (Infertility) हो गया है और प्राकृतिक रूप से या आईवीएफ के माध्यम से गर्भधारण (Pregnancy) करना उसके लिए जानलेवा है। इसलिए दंपत्ति दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए सरोगेसी का सहारा लेना चाहता है।

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