प्रोस्टेट कैंसर की उम्र सीमा
जैसा कि हमने पहले ही बताया, उम्र प्रोस्टेट कैंसर के लिए एक प्राथमिक जोखिम कारक है। ये रोग 60 से 69 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में होता है। हर 14 लोगों में से 1 बुजुर्ग को ये बीमारी की आशंका रहती है।
जैसा कि हमने पहले ही बताया, उम्र प्रोस्टेट कैंसर के लिए एक प्राथमिक जोखिम कारक है। ये रोग 60 से 69 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में होता है। हर 14 लोगों में से 1 बुजुर्ग को ये बीमारी की आशंका रहती है।
शुरुआत के लक्षण
अपने शुरुआती स्तर पर प्रोस्टेट कैंसर सिर्फ पीयूष ग्रंथि तक ही सीमित रहता है। लेकिन अगर इसका सही समय पर पता लगाकर उपचार ना किया जाए तो यह आस-पास के अंगों में भी फैलने लगता है। इससे यह अधिक घातक रूप धारण कर लेता है। यह कैंसर पुरुषों में ही होता है।
जिन पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर पनपना शुरू होता है, उनमें एक निश्चित सीमा के बाद कुछ खास तरह के लक्षण देखने को मिलते हैं। इन लक्षणों को समझकर यदि सही समय पर इस बीमारी का इलाज कराया जाए तो इसे घातक रूप लेने से रोका जा सकता है।प्रोस्टेट कैंसर के कारण पेशाब करते समय दिक्कत होती है। दर्द, तेज चुभन का अहसास हो सकता है। इस कैंसर के कारण वीर्य में खून आने की समस्या हो जाती है।
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उपाय
ज्यादातर बीमारियों से बचने के लिए जिन उपायों की सलाह दी जाती है, प्रोस्टेट कैंसर के मामले में भी वही नियम लागू होते हैं।
आप ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें। कम से कम फास्ट फूड खाएं।
अधिक मैदा और चीनी युक्त पदार्थ लेने से बचें। रात को खाना खाते ही सोने ना जाएं। कुछ देर धीमे कदमों से जरूर टहलें। सोने से कम से कम 2 घंटे पहले खाना खा लें।
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