कीमोथैरेपी के फायदे…
कीमोथैरेपी के फायदे इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको किस प्रकार का कैंसर है और वह कितना बढ़ चुका है। कीमोथैरेपी देने के पीछे छिपे मकसद को कुछ इस तरह से जान सकते हैं।
– कैंसर की सभी कोशिकाओं को नष्ट करते हुए कैंसर से मुक्ति दिलाना।
– कैंसर के वापस लौटने की गुंजाइश को कम करने के लिए कैंसर की ऐसी सभी कोशिकाओं को नष्ट करना, जो शरीर में मौजूद तो होती हैं, पर इतनी छोटी होती हैं कि उनका पता लगाना मुश्किल हो जाता है।
– सर्जरी या रेडियोथैरेपी से पहले कैंसर के प्रभाव को कम करना।
– सम्भावित रोग के लक्षणों से राहत के लिए कैंसर के बढऩे और फैलने से रोकना।
शोधकर्ताओं ने खोजा दर्द को खत्म करने का ईलाज…
इसमें कोई दोराय नहीं कि कीमोथैरेपी के दौरान मरीज की स्थिति बहुत ही दर्दनाक हो जाती है। सिर से बाल उड़ जाते हैं। मुंह में छाले पड़ जाते हैं। खाने-पीने में दिक्कतें होने लगती है। ऐसी कई समस्याएं कीमोथैरेपी के दौरान व्यक्ति को झेलनी पड़ती हैं, जो कि बहुत ही कष्टकारी होती हैं। ऐसे में हर मरीज यही चाहता है कि उसे इस दर्द से जल्द से जल्द छुटकारा मिल जाए। अब वह दिन दूर नहीं, जब कीमोथैरेपी से होने वाले दर्द का मरीजों को अहसास भी नहीं होगा।
जी हां, वैज्ञानिकों ने कोलोरेक्टल कैंसर के कारण होने वाले कष्टदायी दर्द से निजात दिलाने में सफलता हासिल कर ली है। यह दर्द कैंसर के लिए दी जाने वाली दवा के कारण होता था। हालांकि, फिलहाल यह प्रयोग जानवरों पर किया गया था। कीमोथैरेपी के कारण कैंसर के मरीजों में दर्द होता था, जिसे न्यूरोपेथिक दर्द कहा जाता है।
बता दें कि कीमोथैरेपी से होने वाले दर्द के कारण मरीजों के हाथ और पैरों में सिहरन या संवेदनशून्यता महसूस होती थी। इसके कारण मरीजों को तकलीफ तो होती ही है, इलाज भी सीमित तरीके से होता है। अमरीका की सेंट लुई यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डेनियला सेलवेमिनी ने हालांकि बताया कि कैंसर के इलाज में हुई तरक्की के चलते देश में 14 मिलियन मरीज हैं, जिनकी हम जान बचाने में कामयाब रहे। उन्होंने आगे बताया कि इनमें से कई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें न्यूरोपैथिक दर्द के कारण दुष्प्रभाव झेलने पड़े। प्रोफेसर ने बतााय कि जिस दवा का सफल परीक्षण किया गया है, इससे मरीजों के इलाज करने में और आसानी होगी। उन्हें ज्यादा दर्द सहन करने में आसानी होगी।