तीसरी वैक्सीन या बूस्टर डोज प्रतिरक्षा को काफी हद तक बढ़ा देती है। साथ ही संक्रमण के उन गंभीर लक्षणों से भी बचाती है, जिनके कारण अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है । डाक्टर ने कहा तीसरी डोज लगवाने से ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित मरीज के अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बहुत कम हो जाता है। क्योंकि इससे काफी सुरक्षा मिलती है। तीसरी डोज लेने के बाद वैक्सीन की प्रभावशीलता 52 फीसदी से लेकर 88 फीसदी तक बढ़ जाती है।
वर्तमान में, बूस्टर डोज़ की सिफारिश दो खुराकों के प्राथमिक क्रम के चार महीने बाद की जाती है। मतलब आपको अपनी दूसरी डोज़ मिलने के चार महीने बाद आप बूस्टर डोज ले सकते हैं । जनवरी के अंत तक इसे बदलकर तीन महीने कर दिया जाएगा। ओमिक्रोन के साथ, प्राकृतिक प्रतिरक्षा से सुरक्षा की अवधि स्पष्ट नहीं है। तो आपको अभी भी अपना बूस्टर शॉट लेना चाहिए और सुनिश्चित करें कि आपको आवश्यक मात्रा में डोज़ मिल रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम सटीक रूप से यह निर्धारित नहीं कर सकते हैं कि कोविड संक्रमण आपके अंदर बने इम्युनिटी सिस्टम से हारेगा या आपके इम्यूनिटी को हराएगा।
केंद्र सरकार ने देश में 60 साल या उससे अधिक उम्र वालों को कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज लगाने की अनुमति तो दे दी है लेकिन फिलहाल यह सिर्फ उन्हें दी जा रही है, जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं या जिन्हें जान का खतरा ज्यादा है। हालांकि, अब खबर है कि केंद्र जल्द ही बूस्टर खुराक लेने की इच्छा रखने वाले वरिष्ठ नागरिकों के लिए इस शर्त को खत्म कर सकती है।