1. धूप निकलने पर ही निकलें घर से बाहर
2. यदि सुबह के वक्त फॉग हो तो वॉक पर न जाएं
3. बॉडी को पूरी तरह से कवर रखें, कान ढकने वाली टोपी पहनें
4. पैरों में जूते और जुराब दोनों पहनें
5. छोटों बच्चों को अपने साथ वॉक पर न लेकर जाएं
6. यदि पहली बार वॉक पर जा रहे हैं तो 15 मिनट से ज्यादा न करें
7. हार्ड एक्ससाइज से बचें
8. हलकी-फुल्की या फिर एरोबिक एक्सरसाइज करें
9. मोटापे का शिकार लोग मॉर्निंग वॉक से परहेज करें
10. हार्ट प्रॉब्लम वाले लोग मॉर्निंग वॉक पर न जाएं
सर्दियों में बढ़ जाता है हार्ट की बीमारियों का खतरा
डॉक्टर कहते हैं कि सर्दियों में हार्ट अटैक के ज्यादा मामले बढ़ जाते हैं। क्योंकि सर्दी के कारण फिजीकल एक्टीविटी कम होने व कोलेस्ट्रोल से भरपूर डाईट अधिक लेने से धमनियों में क्लोटिंग हो जाती है। जो हार्ट अटैक या डिसीज की संभावनाओं को अधिक कर देती है। डॉ कहते हैं कि ठंड में पानी भी कम पिया जाता है जिससे सर्दियों में नसे सिकुड़ने लगती हैं जिस कारण हार्ट अटैक की संभावना बढ़ने लगती है।
ऐसे करें बचाव
मॉर्निग वॉक वाले जल्दी जाने की बजाए सुबह सात बजे केबाद मॉर्निग वॉक पर जाएं गर्म कपडे़ पहन कर रखें, सिर पर कैप हाथों में दस्ताने व पैरों में जुराब पहनें गर्म भोजन करे व महिलाएं घरेलू कार्यो में गर्म पानी का उपयोग करें। इसके साथ ही हार्ट के रोगी को सर्दियों में जल्दी व्यायाम नही करना चाहिए। सर्दियों में सुबह वातावरण में नमी रहती है और ये नमी ज्यादा खतरनाक रहती है।
1. शरीर का तापमान नॉर्मल रखने के लिए ज्यादा पानी पीना चाहिए, इसलिए वॉक पर जाने से पहले और बाद में एक गिलास पानी अवश्य पिएं।
2. वॉक करने के लिए शांत स्थान चुनें। जहां आस-पास हरियाली हो, चारों तरफ प्राकृतिक सौंदर्य वाला बाग-बगीचा हो या खुला स्थान हो।
3. हृदय रोगी हाई बीपी या कोई अन्य कोई समस्या वाले लोगों को वॉक शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए।
4. वॉक करते समय शुरू और अंत में हमेशा गति धीमी रखें। ये न हो की तेज़ी से वॉक शुरू करे और थोड़ी देर में ही थक कर बैठ जाए। वॉक धीरे-धीरे शुरू करें।
5. वाकिंग के समय आपके जूते आरामदायक हों, ताकि वॉक करते समय तकलीफ न हो। जूते न ज्यादा टाइट होने चाहिए न ज्यांदा ढीलें। ऐसे होने चाहिए कि आसानी से पैरों को घुमाया जा सके।
6. वॉक से पहले वार्मअप जरूर करें। इससे मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इससे मांसपेशियों में चोट लगने का खतरा भी कम हो जाता है।