डायबिटीज (benefits of karela in diabetes ) से बचाव में करेला महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में शुगर के मरीज करेले का जूस या सब्जी को अपनी दैनिक डाइट में शामिल कर सकते हैं। अब यह समझने की कोशिश करते हैं कि करेला डायबिटीज में कैसे लाभकारी होता है। यदि मरीज डायबिटीज के बाद उचित आहार का पालन नहीं कर रहा है, तो इससे शरीर के कई अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके परिणामस्वरूप उनके क्षति का खतरा बढ़ जाता है।
क्यों होती डायबिटीज why does diabetes occur
जब इंसुलिन का स्तर कम होता है, तो रक्त में शर्करा, जिसे ग्लूकोज भी कहा जाता है, का स्तर बढ़ने लगता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। जब शरीर के पैनक्रियाज में इंसुलिन का उत्पादन कम हो जाता है या पैनक्रियाज पूरी तरह से इंसुलिन बनाना बंद कर देता है, तब इंसुलिन का मुख्य कार्य रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना होता है। इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन है, जो शरीर के पाचन ग्रंथि द्वारा निर्मित होता है।
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करेले का जूस (
benefits of karela in diabetes ) स्वास्थ्य के लिए अत्यंत फायदेमंद माना जाता है। जूस बनाने के लिए ताजे करेलों को पहले छील लें। फिर उन्हें छोटे टुकड़ों में काटकर आधे घंटे के लिए पानी में भिगोकर रखें। इसके बाद, करेलों को जूसर में डालें। इसमें थोड़ा नींबू का रस और आधा चम्मच नमक मिलाएं। इसे पीने के लिए तैयार है।
करेले में क्या गुण होते हैं : benefits of karela in diabetes
करेला (benefits of karela in diabetes ) एंटीबायोटिक और एंटी बैक्टीरियल गुणों से समृद्ध होता है। इसके अतिरिक्त, इसमें एंटी डायबिटिक गुण भी मौजूद हैं। करेले में पाए जाने वाला चरनटीन रक्त में ग्लूकोज स्तर को कम करने में सहायक होता है। इसके अलावा, करेले में पॉलीपेप्टाइड-पी या पी-इंसुलिन भी पाया जाता है, जो स्वाभाविक रूप से शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।