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सुबह खाली पेट चबा ले इस पेड़ की पांच पत्तियां, बड़े से बड़े रोग भी नहीं भेद पाएंगे इसके सुरक्षा कवच को

Neem leaves benefits : नीम की पत्तियों को कई तरह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इन पत्तियों को कच्चा खाया जा सकता है, चाय बनाकर पी जा सकता है, या इनका रस निकालकर पिया जा सकता है। नीम की पत्तियों का उपयोग कई तरह की दवाइयों और सौंदर्य उत्पादों में भी किया जाता है।

जयपुरJun 19, 2024 / 04:11 pm

Manoj Kumar

NEEM KI PATTI

NEEM KI PATTI

Neem leaves benefits : नीम की पत्तियों के आयुर्वेदिक चमत्कारी फायदे…

नीम के फायदे (Benefits of Neem) :-

▪️ यह डाइजेशन में सुधार करता है।
▪️ थकान से राहत देता है।
▪️ खांसी और प्यास को दूर करता है।
▪️ घावों को साफ और ठीक करता है।
▪️ यूटीआई और पेट के कीड़ों के लिए अच्छा है।
▪️ मतली और उल्टी से राहत देता है।
▪️ सूजन को कम करता है।
▪️ यह एक नेचुरल डिटॉक्सिफायर है।
नीम भारत में लगभग सभी जगह पाया जाने वाला सदाहरित, बहुपयोगी वृक्ष है l इसका धार्मिक महत्त्व होने के साथ साथ चिकित्सा में अपना अलग ही महत्त्वपूर्ण स्थान है I

इसके लगभग सभी अंगों का औषधीय उपयोग आयुर्वेद में पिछले हजारों सालों से होता आ रहा है। इसी कारण संयुक्त राष्ट्रद्वारा इसे “२१ वीं सदी का वृक्ष ” घोषित किया है।
एंटीबैक्टीरियल की शक्ति नीम की पत्तियां, फूल, तना, छाल, जड़, बीज हर एक भाग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। और इनमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीमाइक्रोबल गुण भरें हुए होते है जिनसे यह हमारें शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और हमारें शरीर को स्वस्थ और सुरक्षित रखता है।
इसके अलावा नीम के यही गुण कई प्रकार के जख्मों और इन्सेक्ट बाइट्स को भी खत्म करने और उन्हें मिटाने में कारगार साबित होता है।

नीम के पत्ते के आयुर्वेदिक फायदे :-

नेचुरल फेसपैक :- आपको जानकर हैरानी होगी कि नीम दुनिया का एकमात्र इकलौता फेसपैक है। हर कोई अपने चेहरें की परेशानियों को खत्म करने के लिए ना जाने कितने प्रकार की दवाईयां और क्रीम इस्तेमाल करता है लेकिन नतीजा वही रहता है। अगर आपको भी मुहांसे, झाइयां, ब्लैकहेड्स, स्किन इन्फेक्शन्स, त्वचा का रूखापन, तैलीय त्वचा, डार्क सर्कल्स, स्किन एजिंग, एक्जिमा जैसी कोई भी बीमारी या समस्या है तो उसके लिए नीम का बना घरेलू फेसपैक ही काफी है।
बालों की समस्या :- बालों के लिए नीम एक रामबाण औसधी है। बालों के झड़ने (hair fall) से लेकर बालों के असमय सफेद होने जैसी कई समस्याओं में नीम बहूत ही कारगर है।

नीम के पत्ते लेकर पानी में अच्छी तरह उबालकर उन्हें ठंडा कर लें। फिर इस पानी से सिर को हफ्ते में दो बार धोने से बाल मजबूत होते हैं। बालों का गिरना या झड़ना भी ठीक हो जाता है।
नीम के पत्ते और बेर के ताजे पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीस कर एक गाढ़ा पेस्ट बना ले । फिर इस पेस्ट को अपने बालों पर लगाकर 1-2 घण्टे रहने के बाद पानी से धौ लें। इससे भी बालों का झड़ना और असमय पकना बन्द हो जाता है।
नीम चेहरें को तो चमकीला बनाता ही है इसके अलावा ये बालों के लिए भी काफी असरकार और कारगार है। आप अपने बालों से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से ग्रसित है तो इसके लिए भी नीम एक गुणकारी औषधि है। नीम बालों को घना बनाता है और इसके इस्तेमाल से बाल तेजी से बढ़ते हैं। नीम के इस्तेमाल से गंजेपन में भी राहत मिलती है और बाल झड़ना भी कम होते हैं। इसे तेल, शैम्पू, कंडीशनर, या पाउडर किसी भी रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
दांतो की समस्या :- दांतो के लिए नीम की दातुन के फायदे सभी जानते है। दांत में दर्द (teeth pain) होता हो या दांतो में कीड़ा लगा हो नीम से ये सभी की समस्याएं दूर हो जाती है। नीम की छाल को पानी मे उबालकर कुल्ला करने से मसूड़े (gums) फूलना ठीक हो जाते है और दांतों में दुर्गन्ध की समस्या भी ठीक हो जाती है।
नीम की जड़ की छाल का चूर्ण 50 ग्राम, सोना गेरू 50 ग्राम तथा सेंधा नमक 10 ग्राम, इन तीनों को मिला कर खूब बारीक पीस लें। फिर इसे नीम के पत्ते के रस में भिगो कर छाया में सूखने दें।
यही प्रक्रिया तीन बार करने के बाद इसे सुखाकर शीशी में भरकर रख लें। इस चूर्ण से दाँतों पर हर रोज मंजन (dant manjan) करने से दाँतों से खून आना (gums bleeding),पीव निकलना, मुंह से दुर्गंध आना, दांत का हिलना,आदि रोग दूर हो जाते है।
आंखों के लिए :- यदि आँखोंं के ऊपर सूजन के साथ ही दर्द हो और आंखों के अन्दर खुजली होती हो तो नीम के पत्ते तथा सोंठ को पीसकर उसमे थोड़ा सेंधा नमक मिला लें। इसे हल्का गर्म कर लें। एक कपड़े की पट्टी पर इसे रखकर रात को आँखोंं पर बाँधें। 2-3 दिन में आँखोंं का यह रोग ठीक हो जाता है। इस दौरान ठंडे पानी और ठंढ़ी हवा से आँखोंं को बचाना चाहिए।

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अस्थमा से राहत :- अस्थमा बीमारी जिस तरह से लोगो के बीच फैल रही है उससे ये एक खतरनाक रोग बनाता जा रहा है। आजकल बढते प्रदुषण के कारण भी अस्थमा रोग बच्चों में भी फैलता जा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि नीम अस्थमा रोग के लिए रामबाण इलाज है !! जी हां, अगर अस्थमा के मरीजो को रोज़ाना नीम के तेल की कुछ बूंदों का सेवन कराया जाएं तो इससे काफी राहत मिलती है। और इसके नियमित सेवन से अस्थमा पूरी तरह दूर हो जाता है। साथ ही यह खासी,कफ और सांसों से संबंधित अन्य समस्याओं से भी निजात मिलती है।
Diabetes से बचाए :- अगर आपको शुगर (Diabetes) की समस्या है।तो इसके लिए 30 ग्राम नीम के छाल (Neem bark) को मोटा-मोटा कूट कर उसमे 2 लीटर पानी डाल लें। इसे मिट्टी के बरतन में कुछ देर पकाएं। पानी 200 ml शेष रहने पर छान कर फिर दोबारा पकाएं और 15 ग्राम कलमी शोरा के चूर्ण को चुटकी से डालते जायें और नीम की लकड़ी से हिलाते जाएं। सूख जाने पर पीसकर इसको छानकर रख लें। 250 मिग्रा की मात्रा हर रोज गाय के दूध की लस्सी के साथ सेवन कराने से बढ़ा हुआ सूगर लेवल ठीक हो जाता है।
पेट के कीड़ों में :- नीम की छाल, इन्द्रजौ और वायबिडंग को बराबर मात्रा में लेकर पीसकर चूर्ण बना लें। फिर इस चूर्ण की 2 ग्राम की मात्रा में 1/4 ग्राम भुनी हुई हींग मिला लें। इस मिश्रण को सहद में मिलाकर दिन में 2 बार सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
नकसीर :- नीम की पत्तियों और अजवायन को बराबर मात्रा में पीसकर कनपटियों पर लेप करने से नकसीर का चलना बन्द हो जाता है।

लकवा :- नीम के तेल की 3 सप्ताह तक मालिश करने से लाभ होता है।
कील–मुंहासे :- नीम के पत्ते, अनार का छिलका, लोध्र और हरड़ को बराबर लेकर दूध के साथ पीसकर लेप तैयार कर लें। इस लेप को रोजाना मुंह पर लगाने से मुंह और चेहरा निखर उठता है। या नीम की छाल के बिना नीम की लकड़ी को पानी के साथ चंदन की तरह घिसकर मुंहासों पर 7 दिनों तक लगातार लगाने से मुंहासे पूरी तरह से समाप्त हो जाते हैं। या नीम की जड़ को पानी में घिसकर लगाने से कील-मुंहासे मिट जाते हैं और चेहरा सुंदर बन जाता है।
मोतियाबिन्द :- नीम की बीज की गुठली के बारीक चूर्ण को रोजाना थोड़ी-सी मात्रा में आंखों में काजल के समान लगाना हितकारी होता है। नीम के तने की छाल (खाल) की राख को सुरमे की तरह आंखों में लगाने से आंखों का धुंधलापन दूर होता है। नीम या कमल के फूल के बारीक चूर्ण को शहद के साथ रात को सोते समय आंखों में काजल के समान लगाने से मोतियाबिन्द ठीक हो जाता है।
एसिडिटी :- धनिया, सौंठ, नीम की सींक और शक्कर (चीनी) को मिलाकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े को सुबह-शाम पीने से खट्टी डकारे, अपचन या भोजन का न पचना और अधिक प्यास का लगना दूर होता है।
पीलिया :- कड़वे नीम के पत्तों को पानी में पीसकर एक पाव रस निकाल लें। फिर उसमें मिश्री मिलाकर गर्म करें और ठंड़ा होने पर पी जायें। इससे पीलिया रोग दूर होता है।

खून की बीमारी :- नीम के फूलों को पीसकर चूर्ण तैयार कर लें। इस चूर्ण को आधा-आधा चम्मच सुबह-शाम नियमित रूप से सेवन करें और दोपहर को 2 चम्मच नीम के पत्तों का रस 1 बार प्रयोग करें।

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खाज–खुजली :- नीम के बीजों के तेल में आक (मदार) की जड़ को पीस लें। इसके लेप से पुरानी से पुरानी खाज-खुजली मिट जाती है। या नीम का तेल या निंबोली को पानी में पीसकर खुजली वाले स्थान पर लगाने से आराम होता है। या रोजाना सुबह 25 मिलीलीटर नीम के पत्तों के रस को पानी के साथ पीने से खून साफ होता है और खुजली भी दूर होती है।
सफेद कुष्ठ या सफेद दाग :- ताजे नीम के पत्ते 5 पीस और हरा आंवला 10 ग्राम (हरे आंवले के अभाव में सूखा आंवला 6 ग्राम)। इसे सुबह सूर्योदय के पहले ही ताजे पानी में पीस-छानकर पीयें तथा केले के रस में पिसी हल्दी और गाय के पेशाब को मिलाकर सफेद दागों पर लगाने से लाभ मिलता है।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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