केले में पोटाशियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है, और इसका सही मात्रा में सेवन करना शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है। वहीं आपको बताते चलें कि हार्वर्ड हेल्थ के अनुसार, एक योग्य चिकित्सक का कहना है कि ज्यादा पोटैशियम युक्त चीजों को यदि आप डाइट में शामिल करते हैं तो इससे आपको कई नुकसान भुगतने भी पड़ सकते हैं। यदि आप पके केले या इस तरह के फलों का ज्यादा मात्रा में सेवन करते हैं तो आपको दिल से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं वहीं आपके दिल की धड़कन भी तेज हो सकती है। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि केले में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होता है वहीं पोटाशियम के अधिक सेवन से आपको हाइपरकेलेमिया भी हो सकता है। जो दिल की सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है वहीं ये दिल की धड़कनों को तेज करने का कारण भी बन सकता है।
इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के आप सप्लीमेंट्स का सेवन अधिक मात्रा में करने से बचें-पोटैशियम का अत्यधिक मात्रा में सेवन अनियमित हृदय ताल का कारण बन सकता है।
इसलिए बिना डॉक्टर की सलाह के आप सप्लीमेंट्स का सेवन अधिक मात्रा में करने से बचें-पोटैशियम का अत्यधिक मात्रा में सेवन अनियमित हृदय ताल का कारण बन सकता है।
वहीं आट्रियल फिब्रिलेशन होने का एक मुख्य कारण ये भी है कि शरीर में पोटैशियम की कमी होना या इसकी अधिकता हो जाना, इसके होने पर आपको ये महसूस होता है कि आपका दिल दौड़ रहा है या बहुत ही ज्यादा तेजी के साथ चल रहा है। इसलिए यदि आप केले को सप्लीमेंट की तरह डाइट में शामिल करते हैं तो ये दिक्कतें पैदा हो सकती हैं इसलिए पहले डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक होता है की कितनी में इसका सेवन किया जाना चाहिए।
पोटैशियम युक्त चीजों का सेवन एक सामान्य रूप से करना ही सही होता है, क्योंकि ज्यादा हो जाए तो दिल से जुड़ी विभिन्न दिक्कतों का सामना आपको करना पड़ सकता है, इससे आपको हाइपरकेलेमिया की समस्या भी हो सकती है और इसका निदान करना मुश्किल होता है। लेकिन इस बात का भी अधिक ध्यान रखना चाहिए कि पोटाशियम युक्त चीजों के सेवन को बंद न करें क्योंकि शरीर में इसके भी कुछ फायदे होते हैं।
हाइपरकेलेमिया के यदि लक्ष्णों कि बात करें तो इसमें मितली होना,चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में कमजोरी, दस्त होने के जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
हाइपरकेलेमिया के यदि लक्ष्णों कि बात करें तो इसमें मितली होना,चिड़चिड़ापन, मांसपेशियों में कमजोरी, दस्त होने के जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
हाइपरकेलेमिया को यदि रोकना है तो इस बात का खासतौर पर ध्यान देने कि जरूरत होती है कि पोटैशियम की मात्रा शरीर न कम हो न ज्यादा हो, सामान्य मात्रा से हाइपरकेलेमिया को रोका जा सकता है। इसलिए आप अपनी डाइट में सब्जियों में एवोकाडो, टमाटर सॉस और शतावरी और आलू को शामिल कर सकते हैं और फलों में अमृत, कीवी, आलूबुखारा, सूखे मेवे, संतरे और केले को शामिल कर सकते हैं।