1. हिचकियों में फायदेमंद
जिन लोगों को बार-बार हिचकी आती है, उनके लिए सोआ लाभदायक हो सकता है विशेषज्ञों की अनुसार, हिचकी से राहत पाने के लिए वर्षों से सोआ का इस्तेमाल किया जाता रहा है हिचकी आने के कारणों में से एक कारण पेट का फूलना हो सकता है। सोआ में एंटी फ्लैटुलेंट गुण होता है, जो पेट को फूलने से रोककर हिचकी से राहत दिलाता है। इसलिए जब भी हिचकी आए, तो सोआ पानी का उपयोग कर लें।
2. बेहतर पाचन के लिए
वैसे देखा जाए तो सोआ खाने के लाभ में सबसे पहला नाम पाचन का ही आता है। पाचन संबंधी सभी तरह की समस्याओं को निपटाने के लिए सोआ का उपयोग किया जा सकता है। आपको बता दें कि यूनानी दवा में, छोटे बच्चों में होने वाले पेट दर्द को कम करने में सोआ को फायदेमंद बताया गया है। दरअसल, सोआ में कार्मिनेटिव प्रभाव के कारण पेट फूलने की समस्या से राहत मिलती है, जिससे यह पाचन में भी मदद करता है। सोआ के इसी प्रभाव को ध्यान में रखते हुए शिशु के ग्राइप वाटर में भी सोआ का उपयोग किया जाता है।
3. प्रेगनेंसी के दौरान
सोआ यानी डिल के बीज का काढ़ा पीने से लेबर के समय दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। एक शोध के अनुसार, रिस्क प्रेगनेंसी वाली महिलाओं को सोआ के बीज का काढ़ा पीने से लेबर की पहले चरण की अवधि घट सकती है। इसके अलावा प्रसव के बाद स्तन में दूध का उत्पादन बेहतर करने के लिए भी सोआ का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इससे गर्भाशय संकुचित हो सकता है। इसलिए समय से पहले इसका सेवन करने से गर्भावस्था को हानि भी पहुंच सकती है।
4. पीरियड क्रैंप्स के लिए
मासिक धर्म के समय पेट में दर्द होना एक आम बात है। लेकिन कुछ महिलाओं को काफी अधिक दर्द सहन करना पड़ता है। इसके लिए उस दर्द को भी कम करने में सोआ मददगार साबित हो सकता है। मासिक धर्म शुरू होने से करीब दो दिन पहले सोआ बीज के पाउडर का सेवन करने से दर्द में कमी हो सकती है। विशेषज्ञों की मानें तो, सोआ के दर्द कम करने की क्षमता को दर्दनिवारक दवाई मेफानामिक एसिड जितना असर कारक बताया गया है। यहीं नहीं यह अनियमित मासिक धर्म की समस्या को भी कम कर सकता है।
5. रक्तचाप के लिए
बढ़े हुए रक्तचाप को कम करने में भी सोआ सहायक साबित हो सकता है। दरअसल, एक अध्ययन के मुताबिक कई अन्य पौधों की भांति सोआ में भी एंटी हाइपरटेंसिव गुण के होने की संभावना जताई गई है।