इस बिमारी में आपके शरीर में कुछ ऐसे लक्षण दिख सकते हैं। साथ ही इस बीमारी से ग्रस्त हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन-सा न्यूरॉन्स (तंत्रिका कोशिका) प्रभावित हुआ है। इस बीमारी के संकेतों और लक्षणों में शामिल हो सकते हैं –
1.दैनिक कार्यों को सामान्य रूप से करने में या चलने में कठिनाई
2.लड़खड़ाना और गिरना
3.टांग, पैर या टखनों में कमजोरी
4.हाथ में कमजोरी या अकड़न होना बीमारी के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।
2.लड़खड़ाना और गिरना
3.टांग, पैर या टखनों में कमजोरी
4.हाथ में कमजोरी या अकड़न होना बीमारी के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं।
अनुवानसिक — एएलएस से ग्रसित लगभग 10 प्रतिशत मामले जेनेटिक हो सकते हैं। मतलब कि यह समस्या परिवार के अन्य सदस्यों में भी आ सकती है। जेनेटिक रूप से एएलएस वाले मामलों में इस बीमारी के पारित होने का जोखिम 50 फीसदी होता है।
उम्र — एएलएस का जोखिम आयु के साथ बढ़ता जाता है और 40 से 60 वर्ष की आयु के लोगों में यह बीमारी सबसे ज्यादा होती है। जेंडर— 65 वर्ष की आयु से पहले यह महिलाओं की तुलना में पुरुषों को ज्यादा प्रभावित करती है। हालांकि, यह जेंडर अंतर 70 वर्ष की आयु के बाद गायब हो जाता है।