ये बीमारियां सबसे ज्यादा
अध्ययन के अनुसार अधिकांश वायु प्रदूषण के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव फेफड़े और डायबिटीज से जुड़े विकार हैं। वहीं 20 प्रतिशत ऐसी बीमारियां हैं, जिनका पता नहीं चल सका है।
अध्ययन के अनुसार अधिकांश वायु प्रदूषण के कारण हृदय रोग, स्ट्रोक, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव फेफड़े और डायबिटीज से जुड़े विकार हैं। वहीं 20 प्रतिशत ऐसी बीमारियां हैं, जिनका पता नहीं चल सका है।
ऐसे मिल सकती है राहत
परिणामों से पता चला कि जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया में होने वाली मौतों में सबसे बड़ी पूर्ण कमी आएगी, जो कि सालाना लगभग 3.85 मिलियन है, जो पर्यावरण के सभी मानवजनित स्रोतों से संभावित रूप से इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण से रोकी जा सकने वाली मौतों के 80-85 प्रतिशत के बराबर है।
परिणामों से पता चला कि जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने से दक्षिण, दक्षिण पूर्व और पूर्वी एशिया में होने वाली मौतों में सबसे बड़ी पूर्ण कमी आएगी, जो कि सालाना लगभग 3.85 मिलियन है, जो पर्यावरण के सभी मानवजनित स्रोतों से संभावित रूप से इन क्षेत्रों में वायु प्रदूषण से रोकी जा सकने वाली मौतों के 80-85 प्रतिशत के बराबर है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।