कोविड-19 से पहले एंडोस्कोपी या लेरेंजोस्कोपी के लिए मरीज की जांचें जरूरी नहीं थीं। मरीज सीधे डॉक्टर के पास पहुंचता था और डॉक्टर इसे तुरंत कर भी देते थे। अब सबकी कोविड-19 की जांच जरूरी है। वहीं, कुछ सर्जरी जैसे आवाज, खर्राटे और सांस में तकलीफ वाली हैं उन्हें नहीं किया जा रहा है। इनके दौरान मरीज की सांसों के संपर्क में ज्यादा आते हैं।
बोलें कम, लिखकर बताएं
अभी सर्जरी से पहले हर मरीज का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। ऐसा इसलिए जरूरी है कि एक मरीज से पूरा स्टॉफ और हॉस्पिटल में संक्रमण फैल सकता है। अब मरीजों से बीमारी संबंधी एक प्रश्नावली भरवाई जा रही है ताकि उन्हें बोलना न पड़े। बोलने (ड्रॉपलेट्स) से भी कोविड संक्रमण फैल सकता है।
ये मरीज सर्जरी से बचें
अस्थमा, किडनी रोगी, कीमोथैरेपी, सीओपीडी, ऑर्थराइटिस, क्रॉनिंग डिजीज जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या हृदय रोगों के मरीजों में हर प्रकार की इलेक्टिव सर्जरी टाली जा रही है। ऐसे मरीजों में केवल इमरजेंसी सर्जरी ही हो रही है। इनमें अधिक रिस्क रहता है।
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अभी सर्जरी से पहले हर मरीज का कोरोना टेस्ट किया जा रहा है। ऐसा इसलिए जरूरी है कि एक मरीज से पूरा स्टॉफ और हॉस्पिटल में संक्रमण फैल सकता है। अब मरीजों से बीमारी संबंधी एक प्रश्नावली भरवाई जा रही है ताकि उन्हें बोलना न पड़े। बोलने (ड्रॉपलेट्स) से भी कोविड संक्रमण फैल सकता है।
ये मरीज सर्जरी से बचें
अस्थमा, किडनी रोगी, कीमोथैरेपी, सीओपीडी, ऑर्थराइटिस, क्रॉनिंग डिजीज जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या हृदय रोगों के मरीजों में हर प्रकार की इलेक्टिव सर्जरी टाली जा रही है। ऐसे मरीजों में केवल इमरजेंसी सर्जरी ही हो रही है। इनमें अधिक रिस्क रहता है।
डॉ. संजीव बधवार, विभागाध्यक्ष, ईएनटी विभाग, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल, मुंबई