भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस पर टिप्प्णी करते हुए कहा है कि यह एक वैश्विक रूप प्रसारित होने वाला वायरस है। इसका असर कमजारे इम्यूनिटी वाले लोगों में ज्यादा देखने को मिल सकता है। साथ ही कम उम्र के लोगों के भी यह घातक हो सकता है।
65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों को खतरा : Adults over 65 years of age are at risk
HMPV का जोखिम बच्चों को तो रहता ही है साथ ही यह 5 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। साथ ही जिन लोगों को इम्यून सिस्टम कमजोर है यह उन लोगों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। रिपोर्ट कहती है कि जब किसी को HMPV पहली बार होता है तो यह उसको गंभीर रूप से बीमार कर सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि छोटे बच्चे और 65 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्क ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसे गंभीर श्वसन लक्षणों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर: जे. पी. नड्डा : The government is closely monitoring the situation: J.P. Nadda
जब भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आए तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने कहा कि इस पर सरकार स्थिति पर बारीकी से नजर रख रही है और इसको लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। जे. पी. नड्डा ने आगे कहा कि इसकी पहली बार पहचान 2001 में हुई थी और यह पूरी दुनिया में फैल रहा है। उन्होंने बताया कि एचएमपीवी सांस के जरिए हवा में फैलता है।
नड्डा ने कहा कि सभी आयु वर्ग के लोगों को सचेत रहने को लेकर कहा यह कि यह किसी भी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि कर्नाटक में दो और गुजरात में एक शिशु तथा तमिलनाडु में दो बच्चे एचएमपीवी से संक्रमित पाए गए हैं।
HMPV होने पर दिखने वाले लक्षण : Symptoms seen when HMPV occurs
HMPV संक्रमण के संपर्क में आने के बाद 3 से 6 दिन के अंदर सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण दिखाई देने लगते हैं। लेकिन कई गंभीर मामलों में यह वायरस ब्रोंकाइटिस या निमोनिया जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं खांसी, बुखार, नाक बंद होना, सांस लेने में तकलीफ आदि हो सकते हैं।