ऐसे करेंगे परीक्षण
इनोवियो डीएनए वैक्सीन परीक्षण के लिए चुने गए वॉलंटीयर के शरीर में एक विशेष रूप से डिजायन किया गया प्लास्मिड या एक छोटी आनुवंशिक संरचना को इंजेक्ट करेंगे। ताकि उनकी कोशिकाएं एक विशिष्ट संक्रमण से लडऩे के लिए जरूरी एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकें। गौरतलब है कि पशु चिकित्सा में विभिन्न जानवरों मेंसंक्रमण के इलाज के लिए अनुमोदित डीएनए टीके अभी तक मानव उपयोग के लिए अनुमोदित नहीं किए गए हैं। कंपनी ने इससे पहले मर्स (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिस्टम) के लिएभी डीएनए वैक्सीन तैयार कर चुकी है। कंपनी के इस टीकेने आशाजनक परिणाम दिखाए थे।
इनोवियो डीएनए वैक्सीन परीक्षण के लिए चुने गए वॉलंटीयर के शरीर में एक विशेष रूप से डिजायन किया गया प्लास्मिड या एक छोटी आनुवंशिक संरचना को इंजेक्ट करेंगे। ताकि उनकी कोशिकाएं एक विशिष्ट संक्रमण से लडऩे के लिए जरूरी एंटीबॉडी का उत्पादन कर सकें। गौरतलब है कि पशु चिकित्सा में विभिन्न जानवरों मेंसंक्रमण के इलाज के लिए अनुमोदित डीएनए टीके अभी तक मानव उपयोग के लिए अनुमोदित नहीं किए गए हैं। कंपनी ने इससे पहले मर्स (मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिस्टम) के लिएभी डीएनए वैक्सीन तैयार कर चुकी है। कंपनी के इस टीकेने आशाजनक परिणाम दिखाए थे।
इनोवियो कंपनी अपने फेज 1 और फेज 2 ट्रायल को सफल बनाने के लिए कुछ ही हफ्तों में आईएनओ-4800 डीएनए वैक्सीन के हजारों डोज का निर्माण तेजी से करने में सक्षम है। अगर इस वैक्सीन का यह क्लिीनिकल ट्रायल सफल रहता है तो इनोवियो का कहना है कि वह इस वैक्सीन की १० लाख डोज साल के अंततक देने में सक्षम है।
मानव पर कोरोना वैक्सीन के परीक्षण का यह दूसरा अवसर है। हालांकि अभी उपयोग के लिए कोई भी व्यापक मंजूरी या अनुमोदन कम से कम १२ से 18 महीने दूर हैं लेकिन जिस गति से मानव परीक्षण शुरू हो रहे हैं, उससे यह उम्मीद जरूर बंधी है कि हमें इससे बहुत अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
मानव पर कोरोना वैक्सीन के परीक्षण का यह दूसरा अवसर है। हालांकि अभी उपयोग के लिए कोई भी व्यापक मंजूरी या अनुमोदन कम से कम १२ से 18 महीने दूर हैं लेकिन जिस गति से मानव परीक्षण शुरू हो रहे हैं, उससे यह उम्मीद जरूर बंधी है कि हमें इससे बहुत अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।