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स्वास्थ्य

बच्चे की खोपड़ी में लगाई डिवाइस, कम हो गए मिर्गी के दौरे

ब्रिटेन के डॉक्टरों का कारनामा, मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण

नई दिल्लीJun 26, 2024 / 01:38 am

ANUJ SHARMA

लंदन. ब्रिटेन के डॉक्टरों ने बड़ा कारनामा कर दिखाया है। दुनिया में पहली बार ब्रिटेन में 13 साल के बच्चे के दिमाग में ऐसा डिवाइस फिट किया गया, जो मिर्गी के दौरे रोकने में 80 फीसदी तक कारगर है। सर्जरी के दौरान उसकी खोपड़ी में न्यूरोस्टिम्यूलेटर नाम का डिवाइस प्रत्यारोपित किया गया, जो दिमाग में सिग्नल भेजता है। मिर्गी के मरीजों के लिए यह उम्मीद की नई किरण है।द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक ओरान नॉल्सन नाम का बच्चा लेनोक्स-गैस्टोट सिंड्रोम नाम की मिर्गी से पीडि़त है। तीन साल की उम्र से उसे रोजाना दौरे पड़ रहे थे। उसकी मां जस्टिन नॉल्सन ने बताया कि दौरे पडऩे पर ओरान कभी जमीन पर गिर जाता था, कभी जोर से हिलने लगता था और कई बार बेहोश हो जाता था। कभी-कभी उसकी सांसें उखडऩे लगती थीं। होश में लाने के लिए उसे इमरजेंसी पिल्स की जरूरत पड़ती थी। लेकिन सर्जरी के बाद उसकी हालत पहले से बेहतर हो गई है।
स्क्रू से फिट किया गया न्यूरोस्टिम्यूलेटर

न्यूरोसर्जन मार्टिन टिस्डल की अगुवाई में टीम ने सर्जरी के दौरान ओरान के स्कल की खाली जगह में स्क्रू से न्यूरोस्टिम्यूलेटर फिट किया। इससे जुड़े दो इलेक्ट्रोड दिमाग तक पहुंचाए गए। सर्जरी के बाद डिवाइस चालू कर दी गई। इसे रिचार्ज किया जा सकता है। दिमाग की असामान्य गतिविधियों के कारण मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। यह डिवाइस ऐसी गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
आठ घंटे की सर्जरी, हालत पहले से बेहतर

लंदन के ग्रेट ऑरमंड स्ट्रीट अस्पताल में यह सर्जरी परीक्षण के तौर पर की गई। ओरान नॉल्सन इस परीक्षण का हिस्सा बनने वाला दुनिया का पहला मरीज बना गया है। अब उसे दौरे कम आते हैं। वह पसंद के हर काम कर पाता है। वह अटेंशन-डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (आवेगपूर्ण बर्ताव) और ऑटिज्म (संचार में कठिनाई) से भी पीडि़त है, लेकिन उसकी मां मिर्गी को बच्चे की सबसे बड़ी बाधा मानती थी।

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